मुंबई | | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |
हीरा उद्योग को वैश्विक मानचित्र पर शीर्ष स्थान दिलाने में भारत के रत्न कलाकारों की अद्वितीय भूमिका रही है। उनकी निष्ठा, कौशल और कड़ी मेहनत ने भारत को इस क्षेत्र में विश्वगुरु बना दिया है। लेकिन दुर्भाग्यवश, आर्थिक मंदी के दौर में इन्हीं कलाकारों को सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा – रोज़गार छूटा, घर की चूल्हा ठंडी पड़ी और कईयों ने तो जीवन से हार मान ली।
हीरा उद्योग विशेषज्ञ हार्दिक हुंडिया ने इस गंभीर स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि रत्न कलाकारों की दशा को सुधारने के लिए गुजरात सरकार द्वारा घोषित राहत योजनाएं समय की महती आवश्यकता थीं। उन्होंने गुजरात के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल एवं गृह राज्य मंत्री श्री हर्ष संघवी का विशेष आभार प्रकट करते हुए कहा कि अगर ये योजनाएं कुछ पहले लागू होतीं तो कई रत्न कलाकारों की ज़िंदगी बचाई जा सकती थी।
सरकार द्वारा घोषित मुख्य राहत योजनाएं:
- रत्न कलाकारों को 13,500 रुपये तक की मुफ्त शिक्षा सहायता
- 1 वर्ष तक बिजली शुल्क से राहत
- 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण, जिसकी अवधि 1 वर्ष होगी
यह सहायता उन्हीं रत्न कलाकारों को मिलेगी, जिन्हें 31 मार्च 2024 के बाद रोजगार नहीं मिला है और जिन्होंने उससे पहले लगातार 3 वर्षों तक कार्य किया हो।
हार्दिक हुंडिया ने कहा कि हीरा उद्योग में लाभ कमाने वाले व्यापारियों को भी आगे आकर उन कलाकारों की मदद करनी चाहिए, जिन्होंने हीरों को चमकदार बनाने के लिए अपनी जिंदगी खपा दी। व्यापारियों की सफलता उन्हीं कारीगरों की बदौलत है, जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर हीरों को विश्वस्तरीय बनाया।
उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्री हर्ष संघवी के हीरा कारोबार से जुड़ाव के कारण वे हीरा बाजार की बारीकियों और समस्याओं को गहराई से समझते हैं, और आज वे इस क्षेत्र के सबसे बड़े शुभचिंतकों में से एक बनकर उभरे हैं।
निष्कर्ष:
रत्न कलाकारों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और सहायता योजनाएं निश्चित ही एक उम्मीद की किरण हैं। हार्दिक हुंडिया का यह वक्तव्य न केवल सरकार के प्रति आभार है, बल्कि हीरा व्यापारियों के लिए भी एक नैतिक आह्वान है कि वे इन कर्मयोगियों की सहायता के लिए आगे आएं, ताकि भारत का हीरा उद्योग और अधिक सशक्त और संवेदनशील बन सके।
महावीर सन्देश – मुंबई