परोपकार और जीवदया को बताया गया श्रेष्ठ धर्म
जावरा। | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी | मानव जीवन में परोपकार और जीवदया सर्वोच्च धर्म हैं। जब भी अवसर मिले, हमें जीवों के प्रति समर्पण भावना से कार्य करना चाहिए। यह विचार वरिष्ठ समाजसेवी आनंदीलाल संघवी ने जेएसजी सेंट्रल द्वारा आयोजित स्वामीवत्सल्य कार्यक्रम के अवसर पर व्यक्त किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संजय सुराणा ने बताया कि जेएसजी सेंट्रल प्रतिमाह जीव आहार योजना के अंतर्गत जीवदया से जुड़े सेवा कार्य करता है। मई माह की यह योजना अरुण संगीता संघवी के सौजन्य से संपन्न हुई, जिसमें गायों को पाँच क्विंटल ताज़ी सब्ज़ियाँ खिलाकर स्वामीवत्सल्य किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अरविंद जैन, ललित जैन और फतेहलाल बुरड़ द्वारा अतिथियों एवं लाभार्थी परिवारों के स्वागत के साथ हुआ। इस अवसर पर संस्था के संस्थापक अध्यक्ष हिम्मत धारीवाल, जितेंद्र चौधरी, अशोक मेहता, राजेश संघवी, संतोष चोरडिया, चमेलिदेवी संघवी, ज्योति चौधरी, श्रद्धा शाह, मीनल संघवी, अधिरा संघवी, आशा जैन, हंसा सुराणा, किरण चोरडिया सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की जानकारी मीडिया प्रभारी राजेश हिंगड़ द्वारा प्रदान की गई।