मालवा में धर्मयात्रा के साथ विहार, नागदा में होगा भव्य चातुर्मास प्रवेश
नागदा। | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |
पुण्य सम्राट राष्ट्रसंत युगप्रभावकाचार्य श्रीमद् विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी महाराजा के शिष्य, द्वयाचार्य श्री के आज्ञानुवर्ती पूज्य मुनिराज श्री प्रत्यक्षरत्न विजयजी म.सा. व पवित्ररत्न विजयजी म.सा. आदि ठाणा ने गुजरात से मालवा की ओर विहार करते हुए 45 दिनों में अनेक श्रीसंघों में शासन प्रभावना का अनुपम कार्य संपन्न किया।
मुनिश्री अहमदाबाद से विहार कर मणीलक्ष्मी तीर्थ पहुंचे, जहाँ उन्होंने शिविर में निश्रा प्रदान की। इसके पश्चात गुजरात के विभिन्न संघों में धर्मप्रभावना करते हुए पिटोल बॉर्डर से मालवा प्रांत में प्रवेश किया। लीला शांति जयंत विहारधाम (पिटोल) में भगवान गौतमस्वामी की प्रतिष्ठा एवं भगवान नागेश्वर पार्श्वनाथ की पुनः प्रतिष्ठा के माध्यम से धार्मिक चेतना का संचार किया।
विहार क्रम में फुलमाल, मेघनगर, झाबुआ, रानापुर, जयंत ग्राम पारा होते हुए मोहनखेड़ा तीर्थ पहुंचे, जहाँ दादा गुरुदेव के चरणों में दर्शन-वंदन किए। आगामी नागदा चातुर्मास हेतु नाम व पत्रिका का विमोचन भी इसी क्रम में हुआ, जिसमें श्रीसंघ से जुड़े सैकड़ों गुरुभक्तों के मोहनखेड़ा तीर्थ आगमन की तैयारी की जा रही है।
इसके पश्चात राजगढ़, टांडा, बाग में जयंत कुटिया में पुण्य सम्राट की प्रतिमा स्थापना, कुक्षी में सिमंधर स्वामी जिनालय के शताब्दी महोत्सव में निश्रा, तथा तीर्थ घोषणा कर धर्म प्रभावना को नई ऊँचाइयाँ प्रदान की।
17 जून को बड़नगर में पूज्य दादा गुरुदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. के अंतिम चातुर्मास में बड़नगर श्रीसंघ द्वारा जिनालय निर्माण की घोषणा की स्मृति में निर्मित महावीर स्वामी जिनालय के ध्वजारोहण समारोह में भी मुनिराज भगवंतों की निश्रा प्राप्त होगी। यह वही जिनालय है जिसकी प्रतिष्ठा श्रीमद् मोहन विजयजी म.सा. ने की थी और जिनके नाम से मोहनखेड़ा तीर्थ का नामकरण हुआ।
अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी ब्रजेश बोहरा ने जानकारी दी कि मुनिराज भगवंतों का आगामी संभावित विहार भोपावर तीर्थ, लाबरिया, राजोद, बदनावर, बड़नगर, रूनिजा, भाटपचलाना, रतलाम, नामली, जावरा, बड़ावदा, खाचरौद होते हुए निर्धारित है।
इस पावन विहार का भव्य मंगल प्रवेश चातुर्मास हेतु दिनांक 7 जुलाई को नागदा जंक्शन में होगा, जहाँ श्रीसंघ के सान्निध्य में भक्ति, श्रद्धा और धर्ममय वातावरण में चातुर्मास की शुरुआत होगी।
महावीर सन्देश – जीवनलाल जैन