बेंगलुरु | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |
बेंगलुरु – दक्षिण भारत की पुण्यभूमि बेंगलुरु इस वर्ष एक अद्वितीय आध्यात्मिक अवसर का साक्षी बनने जा रही है। श्री मुनिसुव्रत कुमारापार्क जैन संघ के तत्वावधान में नवनिर्मित सुराणा साधना संकुल में तार्किक शिरोमणि, परम पूज्य आचार्य श्री प्रेम-भुवनभानु सूरीजी के समुदाय के सुविशुद्ध संयमी, श्रमण परंपरा के दीपस्तंभ, युगप्रधानाचार्य आचार्य श्री अभयशेखर सूरीश्वरजी म.सा. इस वर्ष अपना प्रथम चातुर्मास संपन्न करेंगे।
यह चातुर्मास आयोजन 5 जुलाई 2025, शनिवार को विजय मुहूर्त में गुरुदेव के भव्य चातुर्मास मंगल प्रवेश के साथ आरंभ होगा। पूरे संघ और जैन समाज में इस पावन अवसर को लेकर अत्यंत उत्साह, श्रद्धा और भक्ति का वातावरण व्याप्त है।
गुरुदेव के साथ मुनिराज श्री गुणहंस विजयजी म.सा., गणिवर्य आदि ठाणा भी इस चातुर्मास के सहभागी रहेंगे। यह आयोजन बेंगलुरु नगर के जैन समाज के लिए केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आत्मिक जागृति और संयम-संस्कार की धारा को सशक्त करने का अनुपम अवसर बन रहा है।
विशेष उल्लेखनीय है कि जैन बहनों के लिए चातुर्मास के दौरान आराधना, स्वाध्याय और आत्मचिंतन को प्रेरित करने हेतु परम पूज्या साध्वी श्री संस्कारनिधि श्रीजी म.सा. आदि ठाणा की भी मंगलमयी उपस्थिति रहेगी। साध्वीजी की प्रेरक प्रवचनमाला एवं ध्यान-आराधना की श्रृंखलाएं बहनों के जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करेंगी।
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि इस पावन चातुर्मास के अंतर्गत स्वाध्याय, प्रवचन, तप आराधना, सांस्कृतिक आयोजन एवं युवा-जागृति शिविरों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी, जिससे हर आयु वर्ग के श्रद्धालु आत्मिक लाभ प्राप्त कर सकें।
बेंगलुरु जैन समाज के लिए यह चातुर्मास आयोजन एक ऐतिहासिक अध्याय के रूप में अंकित होगा, जहाँ संयम, साधना और श्रद्धा की त्रिवेणी प्रवाहित होगी।
महावीर संदेश | संवाददाता – जीवनलाल जैन