श्रवण संस्कृति के तेजस्वी दीप, आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी का चातुर्मास 2025 होगा विरागोदय तीर्थ, पथरिया (दमोह) में

 

मंदिर समिति व तीर्थ कमेटी ने श्रीफल समर्पित कर लिया चातुर्मास का सौभाग्य

 इंदौर | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी | 
जैन श्रमण परंपरा के गौरव, संयम-साधना के जीवंत प्रतीक, परम पूज्य पट्टाचार्य 108 आचार्य श्री विशुद्ध सागरजी महाराज ने वर्ष 2025 का चातुर्मास मध्यप्रदेश के पवित्र तीर्थ विरागोदय पथरिया (जिला दमोह) में करने की घोषणा कर श्रद्धालुओं को दिव्य सौगात दी है।

इस शुभ अवसर पर मंदिर समिति एवं वीरागोदय तीर्थ कमेटी के समस्त पदाधिकारीगण ने श्रीफल समर्पित कर चातुर्मास कराने का विनम्र निवेदन किया, जिसे आचार्यश्री ने सहर्ष स्वीकार कर पथरिया तीर्थ की पुण्यभूमि को अनंत सौभाग्यशाली बना दिया।

यह निर्णय जैसे ही श्रद्धालु समाज के समक्ष आया, सम्पूर्ण क्षेत्र में आनंद, उल्लास और आध्यात्मिक उत्साह की लहर दौड़ गई। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित गुरु भक्तों ने चातुर्मास की स्वीकृति को अत्यंत दुर्लभ तपोमय अवसर बताया और कहा कि इससे क्षेत्र की आत्मिक ऊर्जा और धार्मिक वातावरण को विशेष बल मिलेगा।

आचार्यश्री विशुद्ध सागरजी महाराज, अपने तप, त्याग और देशना से पूरे जैन समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनके द्वारा पथरिया में चातुर्मास करना न केवल धार्मिक सौभाग्य है, बल्कि यह क्षेत्र के लिए धर्म, संस्कृति और साधना का महासंगम साबित होगा।


महावीर संदेश – राजेश जैन ‘दद्दू’,

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