मुरैना में श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविरों का भव्य शुभारंभ, बाल ब्रह्मचारी संजय भैयाजी के निर्देशन में आयोजन
मुरैना।| एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |
संस्कृति और संस्कारों की पुनः स्थापना हेतु मुरैना नगरी में श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर का भव्य शुभारंभ हुआ। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती बड़ा मंदिर एवं श्री गोपाल दिगंबर जैन संस्कृत विद्यालय परिसर में आयोजित इस दस दिवसीय शिविर में मुनिश्री विलोकसागर महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा –
“ज्ञान की आराधना ही आत्मा की सच्ची साधना है, और शिक्षण शिविर इसकी श्रेष्ठतम माध्यम हैं।”
उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में जब पाश्चात्य प्रभावों के कारण नई पीढ़ी अपनी जड़ों से कटती जा रही है, ऐसे शिविर उन्हें पुनः अपनी संस्कृति, भाषा और परंपराओं से जोड़ने में सेतु बनते हैं।
मुरैना की भूमि – विद्वानों की जननी
मुनिश्री ने गौरव के साथ उल्लेख किया कि आज से लगभग 125 वर्ष पूर्व गोपालदास वरैया द्वारा स्थापित संस्कृत विद्यालय ने हजारों जीवनों को विद्वत्ता और नैतिकता की दिशा दी। यही धरती आचार्य सुमतिसागर, आचार्य ज्ञानसागर जैसे महापुरुषों की जन्मभूमि रही है, जिन्होंने “अहिंसा परमो धर्मः” के आदर्श को जन-जन तक पहुँचाया।
शिविर का उद्देश्य – संस्कार, साधना और सशक्तिकरण
निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव सुधासागर जी महाराज की प्रेरणा और आचार्यश्री विद्यासागर जी की परंपरा के संरक्षण हेतु आयोजित इस शिविर में, देश-विदेश से आए बाल-बालिकाओं को भक्तामर, छहढाला, तत्वार्थसूत्र, द्रव्यसंग्रह जैसे ग्रंथों का गहन अध्ययन कराया जा रहा है।
विद्वतजनों – नीरज शास्त्री, सुरेश शास्त्री, राहुल शास्त्री, आशीष शास्त्री और मयंक शास्त्री – द्वारा प्रतिदिन प्रातःकालीन पूजन-अभिषेक से लेकर शिक्षण सत्रों तक गहन मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
उद्घाटन समारोह – संस्कृति की आभा में सराबोर
शिविर शुभारंभ अवसर पर नगर के श्रेष्ठिजनों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता निभाई –
- ध्वजारोहण: वरिष्ठ अधिवक्ता करणसिंह योगेन्द्र जैन
- चित्र अनावरण: एडवोकेट पदमचंद सिद्धार्थ जैन
- दीप प्रज्वलन: प्रेमचंद पंकज जैन वंदना साड़ी
- मंगल कलश स्थापना: यतींद्रकुमार संजय जैन, महावीरप्रसाद विमल जैन, ममता जैन, सरला जैन
- माँ जिनवाणी स्थापना: मुन्नीदेवी राजकुमार वरैया, नेमीचंद विमल जैन, मुन्नालाल रोबिन जैन, महेशचन्द्र वनवारीलाल जैन
मुनिराजों से मिला दिव्य आशीर्वाद
शिविर के आरंभ से पूर्व बाल ब्रह्मचारी संजय भैयाजी (मुरैना वाले) के नेतृत्व में विद्वत मंडल और आयोजन समिति ने मुनिश्री विलोकसागर एवं मुनिश्री विबोधसागर महाराज का श्रीफल अर्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
यह शिविर मात्र एक ग्रीष्मकालीन आयोजन नहीं, बल्कि आत्म-जागरण का आंदोलन है। यह उन सभी साधकों का आह्वान है, जो भारतीय संस्कृति को जीना और आगे बढ़ाना चाहते हैं।
– महावीर संदेश परिवार
महावीर संदेश – मनोज जैन ‘नायक’,