मोहनखेड़ा तीर्थ में मुनि भगवंतों का ऐतिहासिक प्रवेश

 

गुरुभक्तों का भावभीना स्वागत, चातुर्मास प्रवेश पत्रिका का भव्य विमोचन

राजगढ़ / मोहनखेड़ा| एनएमटी न्यूज़ एजेंसी | 
26 मई, सोमवार की शुभ प्रभात मोहनखेड़ा तीर्थ के लिए धर्म और श्रद्धा की अमिट छाप लेकर आई, जब राष्ट्रसंत युगप्रभावकाचार्य पुण्य सम्राट श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी महाराज के परम शिष्य गच्छाधिपति श्री नित्यसेन सूरीश्वरजी म.सा. और आचार्य श्री जयरत्न सूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री प्रत्यक्षरत्न विजयजी म.सा. एवं मुनिराज श्री पवित्ररत्न विजयजी म.सा. (आदि ठाणा) ने मोहनखेड़ा तीर्थ में पावन पदार्पण किया।


गौशाला से लेकर समाधि स्थल तक गूंजे जयघोष

मोहनखेड़ा की पवित्र गौशाला से जब मुनि भगवंतों ने विहार आरंभ किया, तो गाजे-बाजे, ध्वनि-मलय, और गुरुभक्तों के भावपूर्ण स्वागत ने सम्पूर्ण तीर्थ को धर्ममय कर दिया।
भगवान आदिनाथ दादा, गुरुदेव श्रीमद विजय राजेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा., एवं पुण्य सम्राट के गुरु आचार्य यतीन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. की समाधि स्थली पर मुनिराजों ने दर्शन-वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।


धर्मसभा में भावगंगा का प्रवाह – चातुर्मास पत्रिका का विमोचन

श्री जयंतसेन म्यूजियम परिसर में आयोजित धर्मसभा में मुनिराजों की निश्रा में नागदा चातुर्मास प्रवेश पत्रिका का गर्वपूर्ण विमोचन संपन्न हुआ।
विमोचन समारोह में उपस्थित प्रमुख गणमान्य:

  • त्रिस्तुतिक जैन संघ म.प्र. अध्यक्ष श्री सुरेश तांतेड़
  • जयंतसेन म्यूजियम ट्रस्ट सचिव श्री मुकेश जैन नाकोड़ा
  • श्री लोकेन्द्र मोदी, चिराग भंसाली, मनीष सालेचा, हर्षित नागदा, सुनील कोठारी, सुनील वागरेचा,
  • बृजेश बोहरा, आशीष चौधरी, मनोज वागरेचा, सुशील सकलेचा
    सभी ने मिलकर इस शुभ अवसर को धर्मप्रेम से आलोकित किया।

चातुर्मास को मिला नाम: “परमरस जयन्तराज चातुर्मास”

मुनिराज प्रत्यक्षरत्न विजयजी म.सा. ने अपने प्रवचन में चातुर्मास की महिमा को उजागर करते हुए इसकी संज्ञा “परमरस जयन्तराज चातुर्मास” दी।
वहीं पवित्ररत्न विजयजी म.सा. ने अपने अमृतमय वचनों में कहा, “यह चातुर्मास धर्म आराधना, स्वाध्याय और आत्मशुद्धि का उत्तम अवसर है – जितना हो सके इसमें भाग लें।”


व्यवस्था और समर्पण – भावनाओं की ऊँचाई पर

कार्यक्रम संचालन श्री मुकेश जैन नाकोड़ा द्वारा अत्यंत संयोजित रूप से हुआ।
अतिथियों का सम्मान, चातुर्मास समिति की घोषणा, और गुरुभक्तों की उपस्थिति ने इस आयोजन को ऐतिहासिक आयाम दिया।

विशेष बहुमान प्रदान किए गए:

  • मुनियों की सेवा में रत मित बरमेचा (झाबुआ)
  • नागदा श्रीसंघ अध्यक्ष ओरा, चातुर्मास समिति अध्यक्ष मनोज वागरेचा
  • राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी ब्रजेश बोहरा

संघ का अगला पड़ाव: भापावर से लाबरिया, फिर बदनावर होते नागदा

धार्मिक यात्रा का क्रम जारी रखते हुए नागदा संघ ने मोहनखेड़ा तीर्थ से प्रस्थान कर भापावर तीर्थ होते हुए लाबरिया में साध्वीश्री अमृतरसा श्रीजी म.सा. आदि ठाणा के दर्शन किए। वहां से बदनावर में चौविहार कर संघ ने नागदा की ओर विहार जारी रखा।


📍 मोहनखेड़ा तीर्थ का यह शुभ प्रसंग केवल एक आगमन नहीं, अपितु जैन धर्म की परंपरा, भक्ति और गुरुभक्ति की अद्वितीय अभिव्यक्ति बन गया।
– महावीर संदेश


महावीर संदेश – धर्मेंद्र भंडारी,

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