डॉ. मुन्नी पुष्पा जैन को मिला ‘ऋषभदेव पुरस्कार’ व ‘ब्राह्मी भारती’ की उपाधि

ब्राह्मी लिपि संरक्षण की अग्रणी साधिका को गाज़ियाबाद में किया गया सम्मानित

गाज़ियाबाद | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी | 

गाज़ियाबाद स्थित दिगम्बर जैन तीर्थ श्री ऋषभांचल में आयोजित 27वें ऋषभदेव पुरस्कार समर्पण समारोह एवं आध्यात्मिक ध्यान योग केंद्र के स्थापना दिवस पर प्रख्यात जैन विदुषी एवं ब्राह्मी लिपि विशेषज्ञा डॉ. मुन्नी पुष्पा जैन को ‘ऋषभदेव पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया और उन्हें ‘ब्राह्मी भारती’ की उपाधि से विभूषित किया गया।

साध्वी मां कौशल जी के सान्निध्य में हुआ गरिमामय आयोजन

समारोह का आयोजन परम श्रद्धेया अभीष्ण ज्ञानोपयोगी बाल ब्रह्मचारिणी मां कौशल जी के पावन सान्निध्य में किया गया, जिसने संपूर्ण आयोजन को आध्यात्मिक गरिमा और गंभीरता से अभिसिंचित किया।
हेमचन्द जैन (उपाध्यक्ष), पूनम जैन और अविरल जैन ने संयुक्त रूप से डॉ. मुन्नी जैन को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया।

भारतीय ज्ञान परंपरा की समर्पित साधिका

डॉ. मुन्नी पुष्पा जैन वर्षों से जैनधर्म, प्राकृत भाषा और ब्राह्मी लिपि के संरक्षण-संवर्धन हेतु सक्रिय हैं। वाराणसी निवासी यह विदुषी न केवल शोध के क्षेत्र में अपितु प्रशिक्षण और प्रसार कार्य में भी अग्रणी रही हैं।
उनके द्वारा आयोजित ब्राह्मी कार्यशालाओं ने अनेक जिज्ञासुओं को इस लुप्तप्राय लिपि से जोड़ा है, जिसके कारण आज उन्हें स्नेहपूर्वक “ब्राह्मी मां” कहा जाता है।

विद्वत परिवार की प्रेरक जीवनगाथा

ज्ञात हो कि डॉ. मुन्नी जैन प्रसिद्ध जैन विद्वान प्रो. फूलचंद जैन प्रेमी की जीवनसंगिनी हैं। यह दंपति न केवल स्वयं अध्यात्म, संस्कृति और ज्ञान के संवाहक हैं, बल्कि इन्होंने अपने तीनों संतानों – अनेकान्त, अरिहंत एवं इन्दु को भी जैन दर्शन, प्राकृत भाषा एवं ब्राह्मी लिपि की गहरी शिक्षा दी है।
आज यह तीनों युवा भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

समारोह में विद्वानों व श्रेष्ठियों की रही विशेष उपस्थिति

कार्यक्रम का स्वागत भाषण राकेश जैन (हांसी) ने दिया और संचालन की गरिमामयी भूमिका जीवेन्द्र जैन ने निभाई। देशभर से पधारे जैन समाज के विशिष्ट अतिथियों, संतों और समाजसेवियों ने इस ऐतिहासिक आयोजन को अपनी उपस्थिति से समृद्ध किया।

ऋषभांचल तीर्थ समिति को मिला अनुमोदन

इस भव्य एवं सार्थक समारोह की सफलता पर समस्त पदाधिकारियों, आयोजकों और सहयोगियों की व्यापक अनुमोदना की गई। यह आयोजन न केवल सम्मान समारोह था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति के उन सच्चे सेवकों को श्रद्धांजलि भी था जो मौन तप से महान परंपराओं को जीवंत बनाए हुए हैं।


डॉ. मुन्नी पुष्पा जैन को प्राप्त ‘ऋषभदेव पुरस्कार’ और ‘ब्राह्मी भारती’ की उपाधि भारतीय संस्कृति, लुप्त होती लिपियों एवं जैन ज्ञान परंपरा को सुरक्षित रखने की दिशा में उनके अविरल प्रयासों की अमिट छवि है।
उनका कार्य और समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा-स्तंभ है।

🙏 जय जिनेन्द्र!

महावीर संदेश | संवाददाता: जीवनलाल जैन

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