सिर में गंभीर चोट लगने से हुई मौत, जैन समाज में छाया शोक का माहौल
केंद्र सरकार से संतों के लिए विशेष सुरक्षा की मांग जोर पकड़ने लगी
पेटलावद/झकनावदा । एनएमटी न्यूज़ एजेंसी | पाली जिले के शिवपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत जाडन गांव के पास बुधवार सुबह साढ़े छह बजे एक भयानक सड़क दुर्घटना में जैन संत आचार्य पुंडरिक रत्न सुरीश्वर महाराज (70 वर्ष) का निधन हो गया। आचार्य महाराज MITS कॉलेज से विहार करते हुए विराट धाम जा रहे थे, तभी एक तेज गति से आ रहा मिनी ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर लगने से संत को सिर में गंभीर चोट आई, जिनका तत्काल बांगड़ अस्पताल में उपचार किया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद ट्रक चालक वाहन सहित फरार हो गया। जाडन चौकी प्रभारी रामनिवास ने बताया कि संत आचार्य पुंडरिक रत्न सुरीश्वर महाराज विहार करते हुए रास्ते में हादसे का शिकार हुए। संत के अनुयायियों एवं अन्य संतों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वे बच नहीं सके।
पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारख, पूर्व सभापति महेंद्र बोहरा सहित जैन समाज के कई वरिष्ठ सदस्य एवं अनुयायी अस्पताल पहुंचे और संत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। बाद में उनकी पार्थिव देह को समुद्र विहार ले जाया गया, जहां श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
जैन धर्म की अमूल्य धरोहर को मिले केंद्र सरकार से विशेष सुरक्षा
श्री अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद के प्रांतीय सह मीडिया प्रभारी मनीष-शैतानमल कुमट ने दिल्ली स्थित केंद्र सरकार से मांग की है कि देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और संबंधित विभाग जैन संत समाज की सुरक्षा हेतु विशेष कदम उठाएं।
कुमट ने कहा, “संत हमारे समाज की अमूल्य धरोहर हैं। विहार करते हुए कई बार वे दुर्घटनाओं और अन्य अप्रिय घटनाओं का सामना करते हैं। संतों के लिए विहार समूह बनाकर समाज स्वयं व्यवस्था करता है, लेकिन सड़क सुरक्षा और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को ठोस पहल करनी होगी। 8 लेन, 6 लेन, 4 लेन सड़कों पर संतों के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध अनिवार्य किए जाएं ताकि वे सुरक्षित रूप से विहार कर सकें।”
अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद ने केंद्र सरकार से भावभीनी अपील की है कि वे जैन संतों को आवश्यक सुरक्षा उपलब्ध कराकर इस पावन परंपरा को संरक्षित रखने में सहायता करें।
यह दुर्घटना जैन समाज के लिए एक गहरा आघात है और इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयास एवं सरकार की सक्रिय भूमिका आवश्यक है।
– महावीर सन्देश, निलेश सोनी, पेटलावद/झकनावदा