सहारनपुर की पावन धरा से होगा ‘जिनागम पंथ’ का शंखनाद: भावलिंगी संत का 30वाँ चातुर्मास घोषित

 

भिंड ।  एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |  

धर्म और तप की दिव्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, 31 मई को श्रुत पंचमी महापर्व के पावन अवसर पर अतिशय क्षेत्र बड़ागांव की भूमि पर भावलिंगी संत आचार्य श्री विमर्शसागर जी महामुनिराज ससंघ ने आगामी चातुर्मास 2025 की घोषणा कर सम्पूर्ण जैन समाज को धर्म-रस से अभिसिंचित कर दिया।

इस शुभ अवसर पर देशभर से उपस्थित धर्मप्रेमी श्रद्धालुओं ने अपने-अपने नगरों में चातुर्मास के लिए पूज्य संघ से निवेदन किया। इनमें सहारनपुर, शामली, दिल्ली, नोएडा, बड़ागांव आदि नगरों की जैन समाजें प्रमुख रहीं। श्रद्धालुओं की गूंजती विनती और भावनाओं को देखकर आचार्यश्री ने धर्मनगरी सहारनपुर को 99% आशीर्वाद देकर चातुर्मास की घोषणा की।

सहारनपुर को प्राप्त हुआ धर्मगौरव

चातुर्मास की घोषणा होते ही बड़ागांव तीर्थ स्थल गुरुवर के जयकारों से गूंज उठा। सहारनपुर समाज के प्रतिनिधियों ने समस्त गुरुभक्तों को ससम्मान आमंत्रण प्रदान किया। यह आचार्य श्री विमर्शसागर जी महाराज का 30वाँ चातुर्मास होगा जो सहारनपुर की पुण्यभूमि पर संपन्न होगा — यह जैन समाज के लिए गर्व व आनंद का विषय है।

शामली को मिला उपसंघ का सौभाग्य

केवल सहारनपुर ही नहीं, शामली जैन समाज को भी पूज्य संघ से विशेष उपहार मिला। आचार्यश्री ने अपने ससंघ से श्रमण श्री 108 विव्रतसागर जी मुनिराज को उपसंघ के रूप में शामली समाज को आशीर्वाद स्वरूप प्रदान किया। यह दोनों नगरों के लिए आध्यात्मिक विकास का एक नया अध्याय सिद्ध होगा।

3 जून से प्रारंभ होगा पदविहार

संभावित तिथि 3 जून से आचार्य श्री ससंघ अतिशय क्षेत्र बड़ागांव से सहारनपुर चातुर्मास स्थल की ओर पदविहार प्रारंभ करेंगे। पदविहार के दौरान विभिन्न नगरों, ग्रामों, शहरों को उनके पावन चरणों की रज प्राप्त होगी। यह पदयात्रा केवल एक आध्यात्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि जिनागम पंथ के प्रचार-प्रसार का विराट शंखनाद होगा।


भावलिंगी संतों का यह चातुर्मास जैन एकता, ज्ञान, और जिनवाणी के प्रचार का एक ऐतिहासिक अवसर होगा, जो धर्मप्रेमियों के हृदय में नई चेतना और श्रद्धा का संचार करेगा।


महावीर संदेश – सोनल जैन,

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