“भक्तामर स्तोत्र” — आत्म-निर्जरा और मानसिक डिटॉक्स का अचूक उपाय
भायंदर । एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |
जिसने भक्तामर को समझ लिया, उसने जीवन की हर समस्या का समाधान पा लिया — यह कथन केवल आस्था नहीं, अब वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित सच्चाई बन चुका है। भक्तामर स्तोत्र, जिसे जैनाचार्य श्री मानतुंग ने रचा था, आज न केवल अध्यात्म का दिव्य स्रोत है, बल्कि आधुनिक विज्ञान को भी अपने प्रभावों से चमत्कृत कर रहा है।
इस विषय पर विशेष बातचीत हुई प्राकृतिक चिकित्सक और इंटरनेशनल स्पिरिचुअल हीलर डॉ. अनीश जैन से, जो इंटरनेशनल भक्तामर हीलिंग एंड रिसर्च फाउंडेशन, नागपुर के संस्थापक हैं। डॉ. जैन ने बताया कि भक्तामर स्तोत्र ध्वनि, कंपन, और चेतना का ऐसा संगम है, जो तन-मन को ऊर्जा से भर देता है।
भक्तामर स्तोत्र क्या है?
भक्तामर स्तोत्र जैन धर्म का एक दिव्य स्तोत्र है, जिसकी प्रत्येक पंक्ति अद्भुत ऊर्जा और कंपन से युक्त है। इसका नियमित पाठ मानसिक शांति, एकाग्रता और आध्यात्मिक बल प्रदान करता है। न्यूरोसाइंस की भाषा में कहें तो, यह मस्तिष्क की अल्फा व थीटा वेव्स को सक्रिय करता है, जिससे मानसिक स्थिरता और आंतरिक प्रसन्नता आती है।
ध्वनि चिकित्सा का अद्भुत प्रयोग
डॉ. जैन बताते हैं कि भक्तामर स्तोत्र Sound Vibration Therapy के सिद्धांत पर कार्य करता है। इसका उच्चारण रक्त संचार और ऑक्सीजन आपूर्ति को बेहतर बनाता है। 45वां श्लोक तो कई असाध्य रोगों में आश्चर्यजनक लाभ देने के लिए जाना जाता है।
गर्भ संस्कार में भी चमत्कारी प्रभाव
भक्तामर स्तोत्र का पाठ गर्भ संस्कार के समय बच्चे के मस्तिष्क की न्यूरोप्लास्टिसिटी बढ़ाता है। पिछले 15 वर्षों में लगभग 15,000 से अधिक ऐसे गर्भ संस्कारी बच्चों को जन्म लेते देखा गया है, जिनमें अनुशासन, नैतिकता और तेज स्मरण शक्ति जन्मजात है।
निष्काम भक्ति और मानसिक डिटॉक्स
निष्काम भाव से किया गया भक्तामर पाठ आत्म-निर्जरा और मानसिक विषहरण (डिटॉक्स) का अचूक उपाय है। जब मन समर्पण करता है, तो शरीर की रोगग्रस्तता, तनाव और ग्रंथियाँ अपने आप ढीली पड़ जाती हैं। यह केवल भक्ति नहीं, जैव-ध्वनि विज्ञान का प्रमाण है।
भक्तामर स्तोत्र के प्रमुख लाभ:
- मानसिक तनाव और चिंता में तत्काल राहत
- ध्यान, एकाग्रता, स्मरणशक्ति में वृद्धि
- शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार, विशेषकर तनावजनित रोगों में
- आत्मिक विकास और सकारात्मक सोच में वृद्धि
- आध्यात्मिक शांति और प्रसन्नता की अनुभूति
जानकारी के लिए संपर्क करें:
अधिक जानकारी व शोध के लिए आप इंटरनेशनल भक्तामर हीलिंग एंड रिसर्च फाउंडेशन, नागपुर से संपर्क कर सकते हैं। आप स्वयं भी भक्तामर स्तोत्र का अर्थ समझें, नियमित पाठ करें और इस दिव्य धरोहर के चमत्कारी लाभों को अपने जीवन में उतारें।
भक्तामर न केवल स्तोत्र है, यह विज्ञान और अध्यात्म के बीच सेतु है — और जिसने इसे अपनाया, उसने जीवन में समाधान का सूत्र पा लिया।
महावीर संदेश – जीवन लाल जैन,