फेडरेशन द्वारा मानव सेवा के उल्लेखनीय कार्य — भोजन, वस्त्र, पोषण और स्नेह का वितरण

 

 इंदौर।
“सेवा ही सच्चा धर्म है” — इसी भावना को आत्मसात करते हुए अखिल भारतीय जैन श्वेतांबर सोशल ग्रुप्स फेडरेशन (रजि.) द्वारा सप्तदिवसीय मानव सेवा सप्ताह का आयोजन किया गया। इस दौरान इंदौर में विभिन्न सोशल ग्रुप्स ने समाज के जरूरतमंद वर्गों के बीच जाकर भोजन, वस्त्र, औषधीय पोषण सामग्री और दैनिक उपयोग की वस्तुएं वितरित कीं, जो मानवता की सच्ची सेवा का प्रत्यक्ष उदाहरण बनी।


सेवा के विविध रूप – विभिन्न ग्रुप्स का समर्पण

  • जैनम ग्रुप द्वारा प्रातः 9 बजे अग्रवाल धर्मशाला (एम.वाय. अस्पताल के सामने) भोजन एवं वस्त्र वितरण का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में जरूरतमंदों को लाभ मिला।
  • प्राइम ग्रुप ने मातृ छाया चिकित्सक नगर में निराश्रित बच्चों के पोषण के लिए प्रोटीन युक्त सामग्री प्रदान कर उनके स्वास्थ्य की दिशा में एक संवेदनशील पहल की।
  • पी.एम. परिवार ने वृद्ध निराश्रित जनों के लिए पलंग, गद्दे, तकिए, बेडशीट एवं भोजन का वितरण कर उनके जीवन को थोड़ा और सहज व सम्मानजनक बनाया।
  • पायोनियर ग्रुप ने बहुउद्देशीय सेवा संस्थान में रह रहे बच्चों के लिए वर्षभर की खाद्य सामग्री भेंट कर उनकी दैनिक आवश्यकताओं को सुरक्षित किया।

सेवा की सतत साधना – 30 वर्षों का समर्पण

कार्यक्रम के अवसर पर फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जिनेश्वर जैन ने बताया कि,

“अ. भा. जैन श्वेतांबर सोशल ग्रुप्स फेडरेशन विगत 30 वर्षों से सेवा, सहकार और संस्कार के मूलमंत्र के साथ मानव सेवा के कार्यों में निस्वार्थ भाव से संलग्न है।”

इस सेवा सप्ताह में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजेन्द्र जैन, कार्याध्यक्ष श्री नरेंद्र भंडारी, महासचिव वीरेंद्र नाहर, राष्ट्रीय चेयरमैन श्री प्रभात चोपड़ा, मानव सेवा कमेटी के चेयरमैन सीए विनोद जैन, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अनिल जैन, चिकित्सा कमेटी के रूपेंद्र नारेलिया, मार्गदर्शक निर्मल पगारिया सहित अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।


सेवा कार्य में जिनका रहा विशेष योगदान:

सुशील तांतेड़, विकास हुंडिया, राजेश साभद्रा, मनोज जैन, सुरेंद जैन, शैलेन्द्र नाहर, राजेंद्र गांधी, आशीष धारीवाल, बहादुर सिंह धाकड़, बसंत बाफना, एकता जैन, स्वप्निल संचेती, नवीन जैन, हेमंत जैन आदि सदस्यों ने तन-मन-धन से सेवा कार्यों में भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया।


निष्कर्ष:

यह सेवा सप्ताह सिर्फ वस्त्र या भोजन वितरण नहीं था, यह एक संवेदना अभियान था — समाज के उस वर्ग तक पहुँचने का प्रयास, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। फेडरेशन और इसके समर्पित सदस्यों द्वारा किया गया यह कार्य न केवल प्रेरणास्पद है, बल्कि अन्य सामाजिक संगठनों के लिए मार्गदर्शक प्रकाश भी है।


महावीर संदेश – गौरव दुग्गड़,

admin

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *