तीन दिवसीय शताब्दी महोत्सव का शुभारंभ
कुक्षी । एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |
कुक्षी नगर आज धर्ममय वातावरण से गूंज उठा जब पुण्यसम्राट गुरुदेव श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी महाराज के शिष्य, वर्तमान गच्छाधिपति हृदयसम्राट श्रीमद विजय नित्यसेन सूरीश्वर जी म.सा. व आचार्य श्री जयरत्न सुरिश्वर जी म.सा. की आज्ञानुवर्ती तपोनिष्ठ मुनिश्रेष्ठ श्री प्रत्यक्षरत्न विजय जी म.सा. एवं मुनि श्री पवित्ररत्न विजय जी म.सा. का नगर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ।
सुबह 5 बजे रामपुरा से लगभग 10 किलोमीटर का विहार करते हुए मधुकर विहार सेवा समिति के सदस्यों ने मुनिराजों का ससम्मान नगर में स्वागत किया। प्रवेश यात्रा कचहरी चौक से प्रारंभ होकर महात्मा गांधी मार्ग, सोनी मोहल्ला, धान मंडी व तिलक मार्ग से होती हुई पुनः बड़े उपाश्रय पहुंची, जहाँ गहुली अर्पण के साथ समापन हुआ। नगर के श्रद्धालुजन घर-घर पुष्पवर्षा व गहुली से स्वागत करते दिखे।
दोनों मुनिराज श्री ने नगर के पांच जिनालयों के दर्शन कर बड़े उपाश्रय में दादा गुरुदेव श्रीमद विजय राजेन्द्रसूरी जी म.सा. के सौ वर्ष से अधिक प्राचीन पाट के दर्शन किए। इसके पश्चात् उपाश्रय में आयोजित प्रवचन में मुनि श्री ने कहा –
“यदि जगत को प्रसन्न करना है, तो पहले जगतपति सद्गुरु व अपनी आत्मा को प्रसन्न करो। गुरु ही आत्मकल्याण का श्रेष्ठ आलम्बन हैं।”
श्री संघ द्वारा मुनि श्री पवित्ररत्न विजय जी म.सा. को उनके दीक्षा दिवस पर मंगलकामनाएं अर्पित की गईं।
शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत श्री शांतिनाथ जिनालय में लाभार्थी परिवार द्वारा गंभर में परिक्रर स्थापना की गई। वहीं श्री सीमंधर स्वामी मंदिर में सुबह से ही पक्षल, पूजा व आरती हुई। महिला एवं बहु मंडल द्वारा सामूहिक पूजा का आयोजन हुआ, तथा सायं काल संघ के साथ नगर के पांच जिनालयों में दर्शन कर सीमंधर स्वामी मंदिर में आरती सम्पन्न हुई।
मीडिया प्रभारी स्वस्तिक जैन ने जानकारी दी कि महोत्सव के अंतर्गत तीन दिन तक विविध धार्मिक व आध्यात्मिक आयोजन होंगे।
📸 सम्पूर्ण आयोजन में नगरवासियों में विशेष उत्साह देखा गया। धर्म, भक्ति और संयम के इस संगम ने कुक्षी नगर को तपोभूमि बना दिया।
✍️ सम्पादकीय सहयोग: दैनिक सच्चा दोस्त टीम, कुक्षी
महावीर संदेश संवाददाता – जीवनलाल जैन,