महाशक्ति ने किया शक्ति का बहुमान

 

15 वर्षीय बालिका की 99 नंगे पांव यात्राओं पर नगर में हुआ ऐतिहासिक सम्मान समारोह

राणापुर ।  एनएमटी न्यूज़ एजेंसी | 
राणापुर नगर में रविवार को धर्म, भक्ति और समर्पण की मिसाल बनी 15 वर्षीय बालिका कुमारी शक्ति का महाशक्ति महिला मंडल द्वारा अत्यंत भावभरा बहुमान किया गया। यह वही शक्ति हैं, जिन्होंने चिलचिलाती गर्मी में जयंतगिरी पालीताणा तीर्थ की नंगे पांव 99 यात्राएं केवल 45 दिनों में एकासना करते हुए पूर्ण कर एक ऐतिहासिक अध्याय रच दिया।

शक्ति, नगर के प्रतिष्ठित व पुण्यसम्राट श्री के अनन्य भक्त कांतिलालजी सालेचा के पौत्र निलेश सालेचा की सुपुत्री हैं। उनके राणापुर लौटने पर पूरा नगर धर्ममय वातावरण में डूब गया।

भव्य शोभायात्रा व सम्मान समारोह

नगर में शक्ति के आगमन पर उनके स्वागत में बैंड-बाजे, भक्ति गीतों और ढोल की थाप के साथ शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें युवा नृत्य करते हुए शक्ति के पीछे-पीछे चले। यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई कृष्ण गार्डन पहुंची, जहाँ महाशक्ति महिला मंडल द्वारा उनका अभिनंदन किया गया। बालिकाओं ने मोतियों की मालाएं अर्पित कीं और साल श्रीफल से उनका स्वागत किया।

सामाजिक संस्थाओं का अभिनंदन

ओसवाल समाज, मुनि सुब्रत समाज, महिला परिषद और पाठशाला के बच्चों द्वारा सामूहिक रूप से उनका अभिनंदन किया गया।
मुख्य अतिथियों में चंद्रसेन कटारिया, दिलीप सकलेचा, कमलेश नाहर, श्रीमती रेखा कटारिया और यश्वी शाह ने शक्ति के साहस और तपस्या को सराहते हुए कहा कि यह साधना सिद्धगिरी की महिमा को और महान बनाती है।

धार्मिक भावों से ओतप्रोत विचार

संजय अग्रवाल ने नवानु यात्रा की ऐतिहासिक परंपरा को भगवान आदिनाथ के काल से जोड़ते हुए इस यात्रा के महत्व को विस्तार से बताया। उन्होंने जैन पाठशालाओं और परिवार द्वारा प्रदान किए गए संस्कारों को शक्ति के इस पराक्रम का आधार बताया।

सुरेश समीर ने कहा:

“15 वर्ष की यह बालिका जब आज की पीढ़ी मोबाइल और खेल में डूबी है, उस समय तप और संयम की इस साधना को पूर्ण करती है – यह प्रेरणा का विषय है। मैं शक्ति और उसके पूरे परिवार को इस भागीरथ प्रयास के लिए साधुवाद देता हूँ।”

उन्होंने समाज को यह भी स्मरण कराया कि पाठशालाएं बच्चों के भीतर धर्म और संस्कार का बीजारोपण करती हैं, परंतु दुर्भाग्यवश आज के अभिभावक उन्हें पाठशाला भेजने को तैयार नहीं।

समारोह में समाज का समरस सहभाग

समारोह में श्वेतांबर, दिगंबर, अग्रवाल, पोरवाल व हरसोला नायक समाज के गणमान्यजनों ने भाग लिया। संचालन जितेंद्र सालेचा ने किया तथा आभार प्रदर्शन अनिल (अन्नू) जैन ने किया।


📸 एक बालिका की यह आस्था, यह निष्ठा और यह त्याग – सम्पूर्ण समाज को दिशा दिखाने वाली प्रेरक गाथा बन गई है।


 

महावीर संदेश संवाददाता – सुरेश समीर,

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