7 जुलाई 2025 को होगा मंगल प्रवेश | आध्यात्मिक साधना से युक्त चातुर्मास की तैयारी प्रारंभ
राजगढ़ । एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |
जिनशासन के प्रचार-प्रसार, तप, साधना और स्वाध्याय में रत प. पू. मुनिराज श्री पीयूषचन्द्र विजयजी म. सा. एवं प. पू. मुनिराज श्री रजतचन्द्र विजयजी म. सा. का आगामी आध्यात्मिक चातुर्मास वर्ष 2025 श्री मोहनखेड़ा गुरुधाम तीर्थ, डाहाणु (महाराष्ट्र) में सम्पन्न होगा। चातुर्मास का मंगल प्रवेश दिनांक 7 जुलाई 2025, आषाढ़ सुदी 12 को निर्धारित है।
तीर्थ पर प्रथम चातुर्मास – ऐतिहासिक अवसर
यह अवसर विशेष इसलिए भी है क्योंकि श्री मोहनखेड़ा गुरुधाम तीर्थ डाहाणु पर तीर्थ की स्थापना के पश्चात पहली बार बंधु बेलड़ी गुरु भगवंतों का चातुर्मास आयोजित हो रहा है। यह तीर्थ न केवल धार्मिक, बल्कि आत्मिक उन्नति की भूमि बनकर उभरेगा।
गुरुदेव का तप, स्वाध्याय और सेवा मार्ग
गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्रीमद विजय ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी म. सा. की आज्ञानुवर्ती इस युगदृष्टा साधु मंडली में सप्तम वर्षीतप साधक मुनिराज श्री पीयूषचन्द्र विजयजी म. सा. की तपस्या और प्रवचन प्रभावक मुनिराज श्री रजतचन्द्र विजयजी म. सा. की आत्मिक ऊर्जा, इस चातुर्मास को विशेष आध्यात्मिक ऊंचाई प्रदान करेगी।
गुरु भगवंतों की यह उपस्थिति तीर्थ के समग्र विकास, जैन समाज की नवचेतना और युवा पीढ़ी के आत्मसंस्कार हेतु एक अद्वितीय अवसर है।
📿 क्या है चातुर्मास का महत्व?
चातुर्मास वह पावन अवधि है जब मुनिराज एक ही स्थान पर विराजमान रहते हैं और श्रद्धालुजन उनके सत्संग, प्रवचन, स्वाध्याय और धर्म आराधना से लाभान्वित होते हैं। यह आत्मा को जाग्रत करने की ऋतु है।
📍 डाहाणु स्थित श्री मोहनखेड़ा गुरुधाम तीर्थ प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का संगम है, जो इस चातुर्मास को और भी विशेष बना रहा है।
महावीर संदेश संवाददाता – धर्मेंद्र भंडारी,