नगर की बेटी का संयम पथ पर पुनरागमन – सभी धर्मों के लोग करेंगे आत्मीय स्वागत
नलखेड़ा । एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |
नगर की धरती एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण की साक्षी बनने जा रही है, जब तिलगोता परिवार की लाडली बिटिया एवं नगर की प्रथम दीक्षार्थी साध्वी सिद्धम पूर्णा श्रीजी म.सा. का दीक्षा उपरांत प्रथम नगर प्रवेश 9 जून 2025 को भव्य शोभायात्रा के साथ संपन्न होगा।
संयम की साधना का स्वर्णिम पथ
लगभग दो वर्ष पूर्व, सांसारिक सुख-सुविधाओं और वैभव से दूर होकर, राग का त्याग कर सिद्धम पूर्णा श्रीजी ने जैन साध्वी बनकर समर्पण, साधना और संयम का पथ चुना था। अब वह पहली बार नगर में पधार रही हैं – यह गौरव का पल न केवल जैन समाज के लिए, बल्कि संपूर्ण नलखेड़ा नगर के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत है।
सीए की पढ़ाई छोड़ चुना संयम जीवन
नगर की इस प्रतिभाशाली पुत्री ने सीए जैसे व्यावसायिक करियर को त्यागकर, आत्मिक उत्थान के मार्ग को अपनाया। मार्च 2023 में पूज्य आचार्य विश्वरत्नसागरजी म.सा. की निश्रा में दीक्षा लेकर उन्होंने सागर समुदाय की परम पूज्य गुरुवर्या अमितगुणा श्रीजी म.सा. की विदुषी शिष्या अमीपूर्णा श्रीजी म.सा. एवं अहर्ता श्रीजी म.सा. के निर्देशन में संयम साधना का जीवन प्रारंभ किया।
भव्य शोभायात्रा के साथ नगर प्रवेश
9 जून 2025, रविवार को सुबह 9:00 बजे, रेन बसेरा बस स्टैंड से बैंड-बाजे और ढोल-ढमाके के साथ एक विशाल चल समारोह निकाला जाएगा। नगर के विविध वर्गों और धर्मों के श्रद्धालु जन उनकी अगवानी में पंक्तिबद्ध खड़े होंगे, उनके समक्ष गहूली (श्रद्धा से की जाने वाली पुष्पवृष्टि) कर अपने भाव व्यक्त करेंगे।
सर्वधर्म समभाव की मिसाल बनेगा यह स्वागत
यह पहला अवसर होगा जब नगर की साध्वी का स्वागत सिर्फ जैन समाज नहीं, बल्कि अन्य धर्मों के नागरिक भी समर्पण, श्रद्धा और गौरव के साथ करेंगे। नगर के प्रमुख चौराहों, धार्मिक स्थलों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा सज्जा, स्वागत द्वार एवं पुष्पवर्षा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
महावीर संदेश – नलखेड़ा (राजेंद्र सकलेचा)।