प्रभातिया मंडल, पूजा-अर्चना एवं सामूहिक भक्ति से भक्तों ने अनुभव किया आध्यात्मिक आनंद
कुक्षी।। एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |
नगर में चल रहे त्रिदिवसीय सीमन्धर स्वामी मंदिर के शताब्दी महोत्सव का द्वितीय दिवस विशेष धार्मिक उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पुण्यसम्राट के शिष्य एवं वर्तमान गच्छाधिपति हृदयसम्राट श्रीमद विजय नित्यसेन सूरीश्वर जी म. सा., आचार्य श्री जयरत्न सुरिश्वर जी म. सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री प्रत्यक्षरत्न विजय जी म. सा. एवं मुनिराज श्री पवित्ररत्न विजय जी म. सा. की निश्रा में समस्त कार्यक्रम संपन्न हुए।
दोपहर से पूर्व प्रभातिया मंडल द्वारा प्रातःकालीन प्रार्थना एवं भजन-पाठ का आयोजन किया गया। तत्पश्चात् महात्मा गांधी मार्ग स्थित सीमन्धर स्वामी मंदिर में पक्षल, पूजा एवं आरती का लाभार्थी परिवार ने विधिवत् आयोजन किया। इसके बाद मंदिर परिसर से महाविदेह क्षेत्र की भाव यात्रा प्रारंभ हुई, जिसमें सीमन्धर स्वामी भगवान की महिमा और महाविदेह क्षेत्र का वर्णन करते हुए श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
मीडिया प्रभारी स्वस्तिक जैन ने बताया कि मुनिराजों के प्रवचनों में 100 वर्ष पूर्व मंदिर को तीर्थ घोषित किए जाने के पवित्र योग और इसकी ऐतिहासिक महत्ता पर गहन प्रकाश डाला गया। मुनिराजों के प्रवचनों से जनमानस में सीमन्धर स्वामी परमात्मा के प्रति श्रद्धा और भक्ति की गहन जागरूकता उत्पन्न हुई।
दोपहर में महिला एवं बहु मंडल द्वारा विशेष पूजा-पाठ किया गया। शाम को श्री संघ के सदस्यों ने बड़े मंदिर से पाच जिन मंदिरों का दर्शन करते हुए सीमन्धर स्वामी मंदिर में पुनः लाभार्थी परिवार द्वारा आरती की।
रात्रि में जैन श्री संघ की ओर से सामूहिक भक्ति कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से परिपूर्ण समय बिताया।
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार प्रातः सूर्य की पहली किरण के साथ श्री सीमन्धर स्वामी मंदिर का द्वार उद्घाटन एवं तीर्थ घोषित करने का पावन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जो इस शताब्दी महोत्सव की धार्मिक गरिमा को और भी ऊँचा करेगा।
महावीर सन्देश – स्वस्तिक जैन,