जैन उपनाम अपनाएं, समाज की एकता को सशक्त बनाएं – धर्म जागृति मंच की अपील

 

📍 नई दिल्ली ।  एनएमटी न्यूज़ एजेंसी | 

देशभर में जैन समाज की जनसंख्या को लेकर सरकारी आंकड़ों में जो वास्तविकता से कम दर्ज हो रही है, उसके पीछे एक बड़ा कारण सामने आया है। जैन समाज के अनेक साधर्मी बंधु अपने नाम के साथ “जैन” उपनाम नहीं लिखते, जिसके कारण जनगणना में समाज की संख्या स्पष्ट रूप से सामने नहीं आ पाती। इसे लेकर अब धर्म जागृति मंच ने एक विनम्र लेकिन प्रभावशाली अपील जारी की है।

दिगंबराचार्य वसुनंदी जी महाराज की प्रेरणा से संचालित अखिल भारतवर्षीय धर्म जागृति संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री इंजीनियर भूपेंद्र जैन (ग्रीनपार्क, दिल्ली) ने समाज के सभी साधर्मी बंधुओं से अनुरोध किया है कि वे अपने नाम के साथ “जैन” उपनाम अवश्य जोड़ें, ताकि आने वाली जनगणना में जैन समाज की सही और प्रभावी उपस्थिति दर्ज हो सके।

“जैन” सिर्फ नाम नहीं, हमारी एकता और दर्शन का प्रतीक है

इंजीनियर भूपेंद्र जैन ने कहा कि –

“आज विभिन्न समुदाय अपने नाम और पहचान के साथ गर्व से खड़े हैं। लेकिन जैन समाज उपजातियों में बंटकर अपनी एकजुटता को खोता जा रहा है। हमें यह समझना होगा कि ‘जैन’ उपनाम केवल एक शब्द नहीं, बल्कि हमारी अहिंसा, सत्य और करुणा पर आधारित परंपरा और दर्शन का प्रतिनिधित्व करता है।”

उन्होंने आगे बताया कि अधिकांश जैन बंधु नाम के साथ केवल गोत्र या परंपरागत उपनाम जैसे – कासलीवाल, बैद, चोरडिया, लोढ़ा, संघवी, तोतला, दुग्गड़ आदि लिखते हैं, जिससे यह पहचान नहीं हो पाती कि वे जैन धर्मावलंबी हैं।

📢 जनगणना में स्पष्ट रूप से ‘जैन’ धर्म दर्ज करवाएं

धर्म जागृति मंच का स्पष्ट आह्वान है कि सभी जैन बंधु आगामी जनगणना में धर्म और जाति के कॉलम में “जैन” अवश्य अंकित करवाएं, ताकि समाज की आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक योजनाओं में हिस्सेदारी प्रभावी बन सके।

🌟 समाज को जोड़ने का कदम

धर्म जागृति मंच की ओर से जारी अपील में कहा गया है –

“हम सब मिलकर अपने नाम के साथ ‘जैन’ उपनाम जोड़ें। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक एकता और आत्म-सम्मान का प्रतीक है।”

🧩 एक उपनाम – अनेक लाभ

  • ✅ जनगणना में वास्तविक जनसंख्या का आकलन
  • ✅ सरकारी योजनाओं में प्रभावी प्रतिनिधित्व
  • ✅ सामाजिक पहचान और गर्व का संबल
  • ✅ उपजातीय विभाजन को समाप्त कर एकजुट समाज

👉 समाज की एकता के इस पुनीत कार्य में आगे बढ़ें। “जैन” उपनाम को अपनाएं और गर्व से अपने धर्म और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करें।

📝 धर्म जागृति मंच, नई दिल्ली


🖋 महावीर संदेश – मनोज जैन नायक

admin

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *