डॉ. अनुपम जैन की उत्कृष्ट कृति को ज्ञानमती माताजी और डॉ. जी.एस. मूर्ति को समर्पित किया गया
📍इंदौर। एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |
भारतीय ज्ञान परंपरा की प्राचीन धरोहर जैन गणित को समर्पित एक ऐतिहासिक कृति – “जैन गणित” ग्रंथ का समर्पण समारोह अयोध्या में अत्यंत श्रद्धा और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय ज्ञान परंपरा – जैन गणित केंद्र के मुख्य अन्वेषक एवं प्राचीन भारतीय गणित अध्ययन केंद्र के निदेशक डॉ. अनुपम जैन द्वारा रचित इस ग्रंथ की डिजिटल प्रति गणिनी प्रमुख पूज्य ज्ञानमती माताजी और भारतीय ज्ञान परंपरा के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. जी.एस. मूर्ति को विशेष रूप से समर्पित की गई।
समारोह में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राकेश सिंघई और डॉ. अनुपम जैन स्वयं उपस्थित रहे और इस ऐतिहासिक समर्पण को सम्पन्न किया।
📚 “जैन गणित” – एक वैज्ञानिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अवदान
इस अवसर पर प्रो. जी.एस. मूर्ति ने संबोधित करते हुए कहा –
“जैन गणित भारतीय गणित की एक समृद्ध और गहन शाखा है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में संचालित यह केंद्र डॉ. अनुपम जैन के मार्गदर्शन में अद्वितीय कार्य कर रहा है। यह ग्रंथ अत्यंत विशिष्ट और गहन शोध का परिणाम है। हम इसे ई-बुक के रूप में प्रकाशित कर, माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री के करकमलों से इसका लोकार्पण दिल्ली में कराने का प्रयास करेंगे।”
कुलपति प्रो. राकेश सिंघई ने डॉ. अनुपम जैन के इस कार्य की सराहना करते हुए कहा –
“जैन साहित्य एवं भारतीय गणित के संगम पर आधारित यह ग्रंथ निस्संदेह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। डॉ. जैन ने 45 वर्षों की तपस्या के साथ इस ग्रंथ को पूर्ण कर समाज और शिक्षा जगत की अमूल्य सेवा की है।”
🌸 ज्ञानमती माताजी के आशीर्वचन में झलकी गौरव की अनुभूति
गणिनी प्रमुख पूज्य ज्ञानमती माताजी ने अपने आशीर्वचनों में कहा –
“अयोध्या ही जैन गणित की उद्भव भूमि है। भगवान ऋषभदेव ने यहीं अपनी पुत्री सुंदरी को अंक विद्या का ज्ञान दिया था। मैं प्रसन्न हूं कि मेरे शिष्य डॉ. अनुपम ने इस परंपरा को पुनर्जीवित करते हुए यह महान ग्रंथ समाज को समर्पित किया।”
आर्यिका चंदनामती माताजी ने भी समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. अनुपम जैन को साधुवाद दिया।
🏆 महावीराचार्य पुरस्कार 2025 की घोषणा
इस गरिमामय अवसर पर भारतीय ज्ञान परंपरा जैन गणित केंद्र, इंदौर एवं तीर्थंकर ऋषभदेव विद्वत महासंघ द्वारा संयुक्त रूप से एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जैन साहित्य एवं गणित पर केंद्रित इस संगोष्ठी में वर्ष 2025 का “महावीराचार्य पुरस्कार” पूर्व गणित एवं खगोल विज्ञान व्याख्याता श्री आर.एस. शाह (फर्ग्यूसन कॉलेज, पुणे) को प्रदान किया गया।
🎓 उल्लेखनीय उपस्थिति
समारोह की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. राकेश सिंघई ने की, जबकि मुख्य अतिथि प्रो. जी.एस. मूर्ति (नई दिल्ली) एवं विशेष अतिथि प्रो. वी.के. जैन (कुलपति, तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद) रहे।
अन्य विशिष्ट उपस्थिति में –
🟠 पीठाधीश स्वामी रविंद्र कीर्तिजी (हस्तिनापुर)
🟠 अनिल कुमार जैन, विजय कुमार जैन, प्रो. एस.सी. अग्रवाल, प्रो. ज्योति सिंघई (भोपाल)
🟠 श्रीमती उषा पाटनी, डॉ. सविता जैन, श्रीमती निशा जैन (इंदौर) आदि गणमान्य विद्वतजन सम्मिलित हुए।
🕉 “जैन गणित” ग्रंथ केवल एक शोध नहीं, यह भारत की ज्ञान परंपरा और अध्यात्म की वैज्ञानिकता का जीवंत प्रमाण है।
इस प्रकार यह समारोह भारतीय संस्कृति, दर्शन और गणितीय परंपरा के गहन संगम का प्रतीक बनकर, एक प्रेरक अध्याय के रूप में दर्ज हुआ।
महावीर संदेश – राजेश जैन ‘दद्दू’,