राणापुर। एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |
नवाणु यात्रा की कठिन शुरुआत के बावजूद 16 वर्षीय तपस्वी मोक्षा नाहर ने अपने दादा आदिनाथ की एक मुस्कान से प्रेरणा लेकर यह यात्रा सरल और सफल बनाई। यह भावनाएं मोक्षा नाहर ने अपनी अनुमोदना समारोह में व्यक्त कीं।
कुमारी मोक्षा नाहर की सिद्धाचल तीर्थ जयंतगिरी की नवाणु यात्रा के उपलक्ष्य में मदनलाल नाहर परिवार द्वारा दो दिवसीय भक्ति महोत्सव का आयोजन किया गया। समारोह की शुरूआत शनिवार की रात्रि में विधिकारक मनीष मेहता (जावरा) द्वारा प्रभु भक्ति की मनमोहक प्रस्तुति से हुई।
रविवार को मोक्षा नाहर की अनुमोदना में एक भव्य चल समारोह निकाला गया, जिसमें तपस्वी मोक्षा नाहर रथ पर विराजमान थीं। बैंड की सुमधुर आवाज़ और ढोल की थाप पर जैन भक्ति गीतों के साथ पूरा परिवार, साथ ही नगर के अनेक जैन समाज के पुरुष, महिला एवं बच्चे झूमते-नाचते जुलूस में सम्मिलित हुए। प्रमुख चौराहों पर गरबा का भी आयोजन किया गया। यह चल समारोह नगर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरता हुआ चारित्र आराधना भवन पर समाप्त हुआ, जहां अनुमोदना सभा का आयोजन किया गया।
सभा में श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय के वरिष्ठ मनोहरलाल नाहर, ओसवाल पंच के अध्यक्ष दिलीप सकलेचा, अग्रवाल समाज के संजय अग्रवाल, झाबुआ के पंकज मोगरा, पदमा सेठ, सुशील जैन (इंदौर), सुनीता जैन (रिंगनोद), तथा पाठशाला की बालिकाओं ने कुमारी मोक्षा के तप और आत्मसंयम की प्रशंसा करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
संजय अग्रवाल ने कहा कि समाज में चल रही पाठशाला से नई पीढ़ी में धार्मिक संस्कारों का बीजारोपण हो रहा है, जिसका परिणाम तप आराधना के निरंतर जारी रहने के रूप में दिख रहा है। वहीं, दिलीप सकलेचा ने कहा कि मोक्षा नाहर नाम की गरिमा को तप के माध्यम से वह मार्गदर्शक बनकर समाज में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने मदनलाल नाहर परिवार के धार्मिक कार्यों में अग्रणी भूमिका की भी सराहना की।
इस अवसर पर तपस्वी मोक्षा नाहर का सम्मान श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय, श्री ओसवाल पंच, श्री राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय, महिला परिषद, महाशक्ति महिला मंडल एवं श्री यतींद्र जयंत पाठशाला द्वारा किया गया। कार्यक्रम का सुचारू संचालन जितेंद्र सालेचा ने किया, जबकि आभार जताते हुए जितेंद्र नाहर ने धन्यवाद प्रकट किया।
महावीर सन्देश – सुरेश समीर,