गोम्मटगिरी चौराहा अब आचार्य विद्यासागर जी महाराज के नाम से जाना जाएगा

जैन समाज में हर्ष की लहर, इंदौर को मिला नया आध्यात्मिक गौरव

इंदौर।।  एनएमटी न्यूज़ एजेंसी | 
धार्मिक नगरी के रूप में पहचान बना चुका इंदौर आज एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब गोम्मटगिरी चौराहा का नाम श्रंमण संस्कृति के महामहिम, परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के नाम पर रखने की घोषणा की गई। इस निर्णय से पूरे जैन समाज में हर्ष और गर्व की लहर दौड़ गई।

यह ऐतिहासिक घोषणा एयरपोर्ट रोड स्थित ड्रीम वर्ल्ड में आयोजित समग्र जैन समाज की बैठक में की गई, जिसमें समाज के प्रमुख पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

वर्षों के प्रयासों को मिली सफलता

समाज के अग्रणी अशोक मेहता और उनकी टीम द्वारा वर्षों से इस मांग को लेकर सतत प्रयास किए जा रहे थे। अंततः नगर निगम, ग्राम पंचायत और प्रशासन की विधिवत स्वीकृति के बाद आज इस नामकरण की घोषणा हुई।

बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष श्रवण सिंह चावड़ा, जनपद अध्यक्ष, सरपंच रामस्वरूप गहलोत सहित अनेक प्रतिनिधियों ने उपस्थित समाजजनों को जानकारी देते हुए कहा कि परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के नाम से चौराहे का नामकरण कर इंदौर ने एक ऐतिहासिक सम्मान प्रदान किया है।

केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का मिला भरपूर सहयोग

पूर्व पार्षद टीनू जैन, अक्षय बम, पार्षद राजीव जैन ने जानकारी दी कि इस प्रस्ताव की पूरी जानकारी केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को दी गई थी, जिन्होंने इसे सहर्ष स्वीकार किया और शासन–प्रशासन से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। विजयवर्गीय ने कहा कि इस चौराहे को देश का नंबर वन आध्यात्मिक स्थल बनाने में वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

लड्डू बाँटे, संकल्प लिया

जैसे ही श्रवण सिंह चावड़ा ने चौराहे के नामकरण की घोषणा की, सभा में उल्लास छा गया। समाजजनों ने एक-दूसरे को लड्डू खिलाकर खुशी साझा की और इसे इंदौर ही नहीं, पूरे भारत में एक आदर्श चौराहा बनाने का संकल्प लिया। सभी ने तन–मन–धन से सहयोग देने का वचन भी दिया।

आयोजन में शामिल प्रमुख गणमान्य

इस अवसर पर कैलाश वेद, नकुल पाटोदी, महावीर जैन, निर्मल कासलीवाल, प्रदीप बड़जात्या, अभय मूणत, कमल रावका, सांता भामावत, मयंक जैन समेत समाज की अनेक प्रतिष्ठित हस्तियाँ उपस्थित रहीं।

सभा, संकल्प और समर्पण

स्वागत भाषण अशोक मेहता द्वारा दिया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि आचार्य श्री के निर्वाण अवसर पर गोम्मटगिरी में आयोजित सभा में समाजजनों ने इस मांग को रखा था, जिसके बाद से यह सतत प्रयास जारी था।
कार्यक्रम का कुशल संचालन महावीर जैन ने किया और अंत में आभार ज्ञापन भी उन्हीं द्वारा किया गया।


महावीर संदेश – राजेश जैन ‘दद्दू’

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