बाल मुनिभगवंतों की निश्रा में लाबरिया नगर बना तप व भक्ति का केंद्र
लाबरिया।
पालीताना स्थित पावन शत्रुंजय तीर्थ की नवाणु यात्रा को 40 दिवसीय तप के साथ पूर्ण कर लौटीं कु. ध्यानी कटारिया एवं कु. खुशी कटारिया की तप अनुमोदना एवं धार्मिक वरघोड़ा का आयोजन लाबरिया में दिव्यता व भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ।
इस पावन अवसर पर कार्यक्रम की शोभा युगप्रभावकाचार्य पूज्य श्री जयंतसेन सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य एवं गच्छाधिपति आचार्य पूज्य श्री नित्यसेन सूरीश्वरजी म.सा., आचार्य श्री जयरत्न सूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिश्री प्रत्यक्षरत्न विजयजी म.सा. तथा मुनिश्री पवित्ररत्न विजयजी म.सा. की पावन निश्रा से बढ़ी।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ:
सुबह 7 बजे पूज्य गुरुदेव का बैंड-बाजे के साथ नगर में मंगल प्रवेश हुआ, तत्पश्चात नवकारसी का आयोजन संपन्न हुआ।
प्रातः 9 बजे तपस्वियों का भव्य वरघोड़ा, मुनिराज श्री की पावन छत्रछाया में नगर में निकाला गया, जो धर्मनाथ मंदिर, तेजाजी मंदिर होते हुए शांतिनाथ मंदिर पहुंचा और दर्शन-वंदन के पश्चात धर्मनाथ मंदिर में धर्मसभा में परिणत हुआ।
धर्मसभा की शुरुआत गुरुवंदन और मंगलाचरण से हुई। सोनल कटारिया ने स्वागत गीत से वातावरण को भक्ति से सराबोर कर दिया।
तप अनुमोदना के अंतर्गत विमल बाफना, अनिल काकरिया, राजेन्द्र दंगवाड़ा (बड़नगर), राकेश नाहर (दसई), संतोष (नागदा), सोनम गिरिया (बड़नगर), रवीना धारीवाल (उज्जैन) जैसे वक्ताओं ने भावविभोर विचार साझा किए।
लाबरिया श्री संघ एवं परिषद परिवार द्वारा तपस्वियों को अभिनंदन पत्र भेंट कर बहुमान किया गया, जिसका वाचन परिषद अध्यक्ष श्री सुनील कटारिया द्वारा किया गया।
पवित्ररत्न विजय म.सा. ने नवाणु यात्रा का गूढ़ विवरण देते हुए भगवान आदिनाथ की महिमा का गुणगान किया। वहीं प्रत्यक्षरत्न विजय म.सा. ने अपने प्रवचन में कहा –
“यह कार्यक्रम केवल अनुमोदना नहीं, यह तो जैसे दीक्षार्थी के वर्षीदान वरघोड़े की दिव्य झलक है।”
इस भावविभोर क्षण में कटारिया परिवार द्वारा पूज्य गुरुदेव को कामली ओढ़ाकर विशेष सम्मान अर्पित किया गया।
विशेष योगदान व आयोजन
- कार्यक्रम का संचालन – विशाल कटारिया (अ.भा. श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद – प्रदेश सहप्रवक्ता)
- स्वामीवात्सल्य – सुगंधबाई चांदमलजी कटारिया परिवार
- मीडिया जानकारी – ब्रजेश बोहरा (राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी, अ.भा. राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद)
उन्होंने बताया कि मुनिद्वय श्री का विहार लाबरिया से राजोद-बदनावर होते हुए 15 जून को बड़नगर में ध्वजारोहण समारोह में होगा। साथ ही, 2025 का चातुर्मास पूज्य मुनिश्री का 7 जुलाई को नागदा जंक्शन में भव्य मंगल प्रवेश के साथ प्रारंभ होगा।
गुरुभक्तों से निवेदन है कि चातुर्मास प्रवेश के इस ऐतिहासिक अवसर पर सपरिवार पधारकर पुण्य लाभ लें।
महावीर सन्देश – जीवनलाल जैन,