केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राप्त किया आचार्य विशुद्ध सागर जी का आशीर्वाद

 

‘विचार’ ग्रंथ का हुआ भव्य विमोचन, प्रवचन में गूंजे आध्यात्मिक और राष्ट्रीय चिंतन के स्वर

विदिशा। श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के चतुर्थ दिवस पर चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज की पावन उपस्थिति में आयोजित दिव्य समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने आचार्य श्री के चरणों में पाद प्रक्षालन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और आचार्य श्री द्वारा रचित ‘विचार’ नामक ग्रंथ का विधिवत विमोचन भी किया।

आचार्य श्री ने अपनी मंगल देशना में कहा—
“अधिकारों से विचारों में शांति नहीं आती, जहाँ विचारों की शांति होती है, वहाँ अधिकारों की आवश्यकता नहीं रहती।”
उन्होंने विश्व में व्याप्त युद्ध और अशांति पर चिंतन व्यक्त करते हुए कहा कि भारत ने कभी भी हिंसा को धर्म नहीं माना। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा—
“किसी के प्राण लेना भारत का धर्म नहीं है।”

उन्होंने भारत की गौरवशाली परंपरा की चर्चा करते हुए कहा कि भगवान ऋषभदेव ने इस पावन भूमि पर राज्य किया था और उनकी बेटियाँ ब्राह्मी और सुंदरी थीं, जिन्हें सर्वप्रथम शिक्षा प्रदान की गई। यही ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का मूल सूत्र है।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “संतों का सान्निध्य मिलना जीवन का दुर्लभ सौभाग्य है। जब मुझसे पूछा गया कि आपके पास कितना समय है, तो मैंने कहा— समय ही समय है। मैं आचार्य विद्यासागर जी महाराज का शिष्य हूं और आज आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के ‘विचार’ ग्रंथ के विमोचन का अवसर मेरे लिए सौभाग्य की बात है।”

मंत्री जी ने आगे कहा—
“विचारों से ही संसार की दिशा तय होती है। अच्छे विचार जीवन का निर्माण करते हैं और बुरे विचार पतन का कारण बनते हैं।”
उन्होंने महर्षि वाल्मीकि का उदाहरण देते हुए कहा कि एक विचार की शक्ति से एक डाकू संत बन गया था।

श्री चौहान ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि वे आज यहाँ किसी मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक शिष्य के रूप में आए हैं। उन्होंने आचार्य श्री के श्रीचरणों में नमन करते हुए कहा—
“मैं अपने दुर्गुणों को त्याग कर स्वयं को विशुद्ध कर सकूं, यही मेरी विनम्र प्रार्थना है।”

समारोह में भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, समाज के गणमान्य नागरिक और श्री सकल दिगंबर जैन समाज के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर आचार्य श्री द्वारा रचित ‘विचार’ ग्रंथ का विमोचन समाज के वरिष्ठजन – श्री सुरेशचंद्र जैन (एडवोकेट), अध्यक्ष शैलेंद्र चौधरी, महामंत्री प्रदीप एलआईसी, सौरभ लंदन, जय कुमार जैन, अविनाश जैन आदि के करकमलों से संपन्न हुआ।

समारोह में केन्द्रीय मंत्री का शाल, श्रीफल एवं मोमेंटो द्वारा भव्य स्वागत किया गया। आभार प्रदर्शन स्वागताध्यक्ष संजय सेठ द्वारा किया गया। संचालन कीर्ति जी ने सराहनीय ढंग से किया। कार्यक्रम में धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन ‘दद्दू’ की विशेष उपस्थिति रही।

(संवाददाता: जीवनलाल जैन, नागदा)


 

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