जेआरएस टीम अहमदाबाद के वक्ताओं ने बताए “जैन जीवन के 131 सूत्र”
महावीर संदेश – राजेश नाहर, खेतिया।
खेतिया नगर स्थित खरंतरगच्छ भवन में जैन धर्म की मूल भावना “जियो और जीने दो”, तथा जीव दया की भावना को जन-जन तक पहुँचाने हेतु 225वीं जैन संस्कार एवं संस्कृति कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी जैन धर्म के सिद्धांतों का पालन कैसे किया जाए, इस पर गहन मार्गदर्शन देना था।
इस अवसर पर जेआरएस टीम अहमदाबाद के प्रख्यात वक्ता सीए श्री श्रेयांस छाजेड़ एवं डा. निलेश चोरडिया ने 75 मिनट तक अपने सारगर्भित वक्तव्य के माध्यम से जैन जीवनशैली के 131 महत्वपूर्ण सूत्रों को विस्तारपूर्वक समझाया।
“जैन रसोईघर से लेकर जैन शॉपिंग तक”
कार्यशाला में वक्ताओं ने बताया कि –
- जैन रसोईघर कैसा होना चाहिए?
- जैन फ्रिज में क्या विशेष ध्यान रखा जाए?
- जैन जल क्या होता है और उसका महत्व क्या है?
- शुद्धता के साथ जैन शॉपिंग कैसे की जाए?
इन सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि गृहस्थ जीवन में रहकर भी जीवदया, संयम और सात्विकता के मूल सिद्धांतों का पालन करना संभव है, यदि हम जैन धर्म के संस्कारों को अपने जीवन में आत्मसात करें।
संघ अध्यक्षों ने किया सम्मान, आयोजकों ने जताया आभार
कार्यक्रम के समापन पर श्रीसंघ खेतिया के सभी अध्यक्षों एवं पदाधिकारियों द्वारा दोनों अतिथि वक्ताओं का सम्मान एवं बहुमान किया गया।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में महीपाल नाहर एवं मनोज बोहरा का विशेष योगदान रहा। उन्होंने सभी समाजजनों एवं सहयोगकर्ताओं का हृदय से आभार व्यक्त किया।
कार्यशाला में नगर के अनेक गणमान्य जैन समाजजनों, महिलाओं, युवाओं एवं बच्चों की सक्रिय सहभागिता रही। यह आयोजन न केवल धर्म के प्रचार-प्रसार का माध्यम बना बल्कि जनमानस को सदाचार, संवेदनशीलता और संस्कृति से जोड़ने का एक सशक्त प्रयास भी सिद्ध हुआ।