महावीर संदेश – प्रदीप जैन
इंदौर।
“मां भारती की पवित्र भूमि पर जन्म लेना हमारा सौभाग्य है, परंतु आज वही भारत मांस निर्यात में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, क्या यही है हमारे मतों की कीमत?” — ये भावपूर्ण शब्द वरिष्ठ समाजसेवी हार्दिक हुंडिया ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसी संस्कृति वाला देश है जहां भगवान राम, महावीर, श्रीकृष्ण, बुद्ध, ईसा मसीह, पैगंबर मोहम्मद साहब और गुरु नानक जैसे महान विभूतियों को मानने वाले करोड़ों लोग रहते हैं। फिर भी, इसी देश में अहिंसक और अबोल जीवों की हत्या और मांस निर्यात में भारत का तीसरे स्थान पर होना अत्यंत पीड़ादायक और चिंतन का विषय है।
हुंडिया ने सवाल उठाया कि जब नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी जैसे नेता, जो सार्वजनिक रूप से अहिंसा और सनातन मूल्यों में आस्था रखते हैं, सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, तो फिर देश में इतनी बड़ी मात्रा में अबोल जीवों की हत्या क्यों हो रही है?
उन्होंने कहा, “यह वही भारत है, जहां यह माना जाता है कि ‘कण-कण में भगवान’ हैं, यह वही भूमि है जहां अहिंसा को धर्म का मूल माना गया है। फिर आज हम कैसे स्वीकार कर सकते हैं कि हमारे मतों से चुनी गई सरकारों के समय में भारत मांस निर्यात में शीर्ष स्थानों में आ गया है?”
भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर हजारों प्राणों की रक्षा करने के उदाहरण को उद्धृत करते हुए, हुंडिया ने देशवासियों और नेताओं से अपील की कि जो भगवान राम के नाम पर जनता से मत मांगते हैं, वे उनके सिद्धांतों का पालन भी करें।
उन्होंने कहा, “जो नेता जनता के मतों से सत्ता में आते हैं, क्या वे अबोल जीवों की रक्षा का साहस नहीं कर सकते? देश का भला तभी होगा जब जीवों की रक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।”
अंत में हार्दिक हुंडिया ने देश के हर धर्म प्रेमी नागरिक से हाथ जोड़कर विनम्र अपील की —
“यदि देश में सुशासन और आध्यात्मिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करना है, तो मां भारती की भूमि पर अबोल जीवों की हत्या पूर्णतः बंद होनी चाहिए। यही हम सबके लिए सच्ची भलाई और उन्नति का मार्ग है।”