त्रिस्तुतिक जैन संघ के गच्छाधिपति नित्यसेन सूरीश्वरजी म.सा. का मुंबई में हुआ ऐतिहासिक मंगल प्रवेश

जयकारों से गूंज उठी मायानगरी, गुरुभक्तों ने बिछाए पलक-पांवड़े

मुंबई।
महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी और मायानगरी के नाम से प्रसिद्ध मुंबई ने आज एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण का साक्षी बनते हुए त्रिस्तुतिक जैन संघ के गच्छाधिपति, युगप्रभावकाचार्य, पुण्यसम्राट श्रीमद्विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी म.सा. के यशस्वी पट्टधर, वर्तमान गच्छाधिपति श्रीमद्विजय नित्यसेन सूरीश्वरजी म.सा. एवं उनके साथ पधारे साधु-साध्वी भगवंतों का गौरवमयी मंगल प्रवेश बड़े हर्षोल्लास एवं भक्तिभाव से सम्पन्न हुआ।

गाजते-बाजते हुआ भव्य स्वागत
मुंबई सेंट्रल स्थित श्री कुंथुनाथ जैन संघ एवं नवजीवन जैन संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस मंगल प्रवेश में 105 वर्ष प्राचीन श्री स्वयंसेवक मंडल, गोदीजी (मुंबई) के विशेष बैंड दल के साथ गुरुदेव का स्वागत गाजे-बाजे, ढोल-नगाड़ों, नृत्य-जयकारों के साथ किया गया।

गुरुदेव ने मंदिर परिसर में दर्शन-वंदन कर श्री संघ की भावनाओं को आत्मसात किया, तत्पश्चात नवजीवन जैन संघ में प्रवेश करते हुए संघजनों के बीच पहुँचे जहाँ गुरुभक्तों ने पलक-पांवड़े बिछाकर उनका आत्मीय स्वागत किया।

प्रमुख संघों की गरिमामयी उपस्थिति
इस ऐतिहासिक अवसर पर श्री कुंथुनाथ जैन संघ (मुंबई सेंट्रल), नवजीवन जैन संघ, धराद जैन संघ, भारत नगर, कमाटीपुरा, किरसी टॉवर एवं अन्य जैन संघों के प्रमुखों सहित अनेक श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।
विशेष रूप से उपस्थित रहे –
रमेशभाई धरू, अनिलभाई दोषी, निलंगभाई दोषी, रमेशजी हुंडिया, मुकेशजी वर्धन, मुलचंदजी कावेडी, नवीनभाई, डायालालजी दादाल, कांतिलालजी दादाल, उत्तमजी नेनावा, राजूजी दादाल, नरेंद्रजी वाणीगोता (सुप्रसिद्ध संगीतकार), दिनेशजी सुराणा, तिलोकजी सुराणा, पिंटूभाई धराद, मुकेशजी सेठिया, किशोरजी पांथेडी, दीपक सुराणा, एवं अन्य श्रद्धालु।

अंतरराष्ट्रीय धर्मगुरु प्रिंस सर जी की विशेष उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक आध्यात्मिक गरिमा प्रदान की।

गुरुदेव के मंगल प्रवेश का पुण्य लाभ
समस्त संघजनों ने गुरुदेव श्री नित्यसेन सूरीश्वरजी म.सा. के ऐतिहासिक मंगल प्रवेश का साक्षी बनने का पुण्य लाभ प्राप्त किया और जिनशासन की जयघोष से वातावरण को आध्यात्ममय कर दिया।


✍🏻 ब्रजेश बोहरा / संवाददाता जीवनलाल जैन

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