पुण्य से यश और पाप से अपयश की प्राप्ति – समता भवन में गुरुदेव श्री जिनेंद्र मुनि जी का मंगल प्रवचन

दिखावे की अंधी दौड़ में उलझा मानव, संयम व विवेक से जीवन जीने की सीख

✍🏻 महिदपुर रोड
समता भवन में परम पूज्य आचार्य श्री उमेश मुनि जी म.सा. के सुशिष्य गुरुदेव पूज्य श्री जिनेंद्र मुनि जी म.सा. की अज्ञानुवर्ती संयत मुनि श्री हेमंत मुनि जी, आदित्य मुनि जी व अचल मुनि जी महाराज साहब ने धर्मसभा को जिनवाणी का रसपान कराते हुए वर्तमान युग की सबसे बड़ी विडंबना पर गहरा चिंतन प्रस्तुत किया।

गुरुदेव ने कहा कि —
“आज का मानव दिखावे की अंधी दौड़ में इस कदर उलझ गया है कि वह वास्तविकता से कोसों दूर होता जा रहा है। दूसरों की देखा-देखी में बिना सामर्थ्य के भी भव्य आयोजन कर, जीवन भर उसे चुकाने में लगे रहना मूर्खता है। जितनी चादर हो, उतने पाँव फैलाना ही समझदारी है।”

पुण्य से यश, पाप से अपयश
गुरुदेव ने स्पष्ट कहा कि “पुण्य के उदय से यश, प्रसिद्धि, आदर-सम्मान की प्राप्ति होती है, वहीं पाप के उदय से अपमान, तिरस्कार और अपयश का भोग होता है।”
इसलिए हमें चाहिए कि हम अपने जीवन में ऐसे कार्य करें जो पुण्य को बढ़ाने वाले हों। न केवल स्वयं पुण्य के कार्य करें, बल्कि समाज को भी प्रेरित करें ताकि यह जीवन और परभव दोनों सुखमय बन सकें।

प्रतिदिन प्रवचन से मिल रहा धर्म लाभ
श्री संघ के राजेश कांठेड़ ने बताया कि समता भवन, महिदपुर रोड पर प्रतिदिन प्रातः 9:15 से 10:15 बजे तक गुरुदेव के धर्म प्रवचन हो रहे हैं।
इन प्रवचनों में सकल जैन श्री संघ के श्रद्धालुजन बड़ी संख्या में उपस्थित होकर धर्म लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

मीडिया प्रभारी सचिन भंडारी ने सभी धर्मप्रेमियों से अपील की है कि वे इस आध्यात्मिक अवसर का अधिकाधिक लाभ लें और गुरुदेव के वचनों को अपने जीवन में उतारें।


 

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