द्विदिवसीय सोलहकारण भावना अनुशीलन संगोष्ठी सागर में सम्पन्न

✍🏻 सागर संवाददाता

सागर।
प्राकृत भाषा विकास फाउंडेशन एवं अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन शास्त्री परिषद के संयुक्त तत्वावधान में परम पूज्य पट्टाचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज के दिव्य सान्निध्य में श्री दिगंबर जैन पारसनाथ मंदिर, विद्या भवन, अंकुर कॉलोनी, सागर में “सोलहकारण भावना अनुशीलन विद्वत संगोष्ठी” का आयोजन 28 व 29 जून 2025 को गरिमामयी वातावरण में संपन्न हुआ।

🔖 गहन चिंतन और आलेख वाचन का मंच
इस दो दिवसीय संगोष्ठी में सोलहकारण भावनाओं पर आधारित कुल 14 शोध आलेखों का वाचन किया गया। सभी आलेखों की विश्लेषणात्मक समीक्षा स्वयं पूज्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज द्वारा की गई, जिसने समस्त उपस्थित विद्वतजनों एवं श्रोताओं को वैचारिक गहराई से जोड़ा।

👨‍🏫 प्रथम सत्र (28 जून दोपहर 1:30 बजे से)
🔸 मंगलाचरण – श्रीमती अनीता जैन ‘छाया’
🔸 अध्यक्षता – पं. राजकुमार जैन शास्त्री
🔸 सारस्वत अतिथि – पं. नन्हे भाई शास्त्री, पं. पवन दीवान
🔸 संचालन – पं. अनिल जैन शास्त्री

इस सत्र में डॉ. हरिश्चंद्र जैन (मुरैना), पं. उदयचंद शास्त्री, पं. पवन जैन दीवान, श्रीमती अनीता जैन, पं. नन्हे भाई जी, डॉ. शोभालाल जैन, डॉ. संजय जैन शास्त्री, तथा पं. राजकुमार जैन शास्त्री ने अपने विचारपूर्ण आलेख प्रस्तुत किए।

👨‍🏫 द्वितीय सत्र (29 जून दोपहर 1:30 बजे से)
🔸 मंगलाचरण – पं. आशीष जैन शास्त्री (बांदा)
🔸 अध्यक्षता – डॉ. ऋषभचंदन फौजदार
🔸 सारस्वत अतिथि – पं. विनोद जैन शास्त्री (रजवास), डॉ. शोभालाल जैन, डॉ. हरिश्चंद्र जैन
🔸 संचालन – डॉ. आशीष जैन आचार्य

इस सत्र में पं. ज्ञानचंद शास्त्री, पं. दामोदर जैन शास्त्री, श्री दामोदर सेठ, पं. श्रवण जैन शास्त्री, पं. संदीप जैन शास्त्री ने अपनी विद्वतपूर्ण प्रस्तुतियाँ दीं।

🌸 विशिष्ट सम्मान एवं अभिनंदन
संगोष्ठी के पुण्यार्जक परिवार श्री आलोक – सरिता जैन (बरायठा वाले) का विशेष अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान किया गया। साथ ही आमंत्रित समस्त विद्वानों एवं अतिथियों का भावपूर्ण स्वागत किया गया।

🎓 विशिष्ट विद्वानों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में डॉ. संजय जैन (भाग्योदय), सुखदेव जैन शास्त्री, पं. राकेश जैन, विजय जैन शास्त्री, के.सी. जैन, अंकित जैन (ओजस्वी), अंकित जैन (अतिशय), अभिषेक जैन शास्त्री, अभिषेक जैन शास्त्री (मोराजी), राजेश जैन शास्त्री (सेसई), आशीष जैन शास्त्री (बंडा), मनोज जैन शास्त्री, प्रो. अनिल जैन (सागर विश्वविद्यालय), पं. सनत जैन (रजवास) सहित अनेक विद्वानगण उपस्थित रहे।

🙏🏻 श्रद्धालुजनों का योगदान
श्री संतोष जैन घड़ी, राकेश जैन चच्चा, अशोक जैन पटवारी सहित अनेक श्रावकजन भी संगोष्ठी की सफलतार्थ अपनी उपस्थिति से सहभागी बने।


🕊️ यह संगोष्ठी न केवल ज्ञान का आदान-प्रदान थी, बल्कि आत्मसाधना एवं तत्वचिंतन की सशक्त भूमि भी बनी, जिसने सोलहकारण भावनाओं की महत्ता को एक नई दृष्टि प्रदान की।

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