महामंगलकारी चैत्रीय नव पद ओली आराधना का द्वितीय दिवस
जिन्होंने काल को भी जीत लिया ऐसे जितेंद्रिय होते हैं सिद्ध परमात्मा
महिदपुर रोड स्थानीय श्री सुविधि नाथ जैन मंदिर परिसर स्थित राजेंद्र सूरी ज्ञान मंदिर में विराजित परम पूज्य साध्वी श्री सुपार्श्व निधि जी महाराज साहब ने शनिवार को धर्म सभा मैं उपस्थित समाज जनों को संबोधित करते हुए कहा कि एक सांसो श्वास में 7:30 बार जीवों का जन्म मरण होता है । एक सिद्ध परमात्मा मोक्ष में विराजमान होते हैं तब एक आत्मा निगोद से बाहर निकलती है। जिन्होंने काल को भी जीत लिया ऐसे जितेंद्रिय होते हैं सिद्ध परमात्मा , जिनके 8 गुण एवं लाल वर्ण होता है जो परम पद सिद्धशिला पर विराजमान हैं ।गुरु के बारे में कहा गया कि चार प्रकार के गुरु होते हैं पहले माता दूसरा पिता तीसरा धर्म गुरु और चौथा शिक्षा गुरु जो हमें सच्चा और सही मार्ग बताएं वही गुरु होता है। गुरु से ही हमारा जीवन शुरू होता है। कहां गया कि पहला गुरु मां होती है जिन्होंने हमें संसार में लाने का उपकारी कार्य किया है। हमअपने शरीर की चमड़ी उतार कर अगर उसके जूते बनाकर भी मां-बाप को पहनाया जाए तो भी उनका उपकार रिण नहीं चुका सकते है । सूर्य के समान देदीप्यता वाले प्रकाशमान गुरु होते हैं जो हमें अज्ञान रूपीअंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं। प्रभावशाली अद्भुत महामंगलकारी यह नव पद ओली आराधना है जिसको करने से अनंत अनंत पुण्योका उपार्जन होता है।धर्मसभा में सकल जैन श्री संघ, समाज के वरिष्ठ महानुभव, श्रावक श्राविकाओ ने उपस्थित होकर धर्म लाभ प्राप्त किया पूज्य साध्वी श्री के मंगलमय प्रवचन प्रतिदिन सुबह 9: 15 से 10:30 बजे तक ज्ञान मंदिर में चल रहे हैं । आप श्री की पावन कारी निश्रा में 4 अप्रैल अप्रैल से चैत्र मास की नव पद ओली आराधना विधि विधान के साथ प्रारंभ हो गई है अनैक आराधक श्रावक श्राविका इस मंगलकारी नव पद ओली आराधना में जुड़कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं 9 दिन तक चलने वाली यह महामंगलकारी मंगलमय आराधना 4 अप्रैल से 12 अप्रैल तक चलेगी। नवपद ओली आराधना के द्वितीय दिवस एवं प्रभाव ना का लाभ पारसमल निलेश कुमार रितेश कुमार भंडारी परिवार द्वारा लिया गया सा धार्मिक भक्ति एवं प्रवचन प्रभाव नाका लाभ प्रकाश चंद आलोक कुमार अरविंद कुमार बरडिया परिवार द्वारा लिया गया उक्त जानकारी जैन समाज की मीडिया प्रभारी सचीन भंडारी ने दी
अनंता अनंत उपकार के धनी सिद्ध परमात्मा–साध्वी श्री सुपार्श्व निधि म,सा
