थांदला। थांदला जैन समाज में चल रहे अनेक तप में इस बार विशेष रूप से पूज्या श्री निखिलशीलाजी म.सा. आदि ठाणा – 4 के सानिध्य में 72 वर्षीतप आराधकों के सामूहिक तप की विशेष आराधना चल रही है। वर्षीतप आराधकों में जहाँ एक ही परिवार से पति-पत्नी सजोड़े तप कर रहे है तो देवरानी-जेठानी, माँ-बेटे, देवर-भाभी तो अनेक रिश्तेदार भी मिलकर समूहिक वर्षीतप की आराधना कर रहे है। आदिनाथ जन्म कल्याणक से प्रारंभ तप अक्षय तृतीया पर पूर्ण होने का विधान है। करीब 13 माह चलने वाला यह तप इस माह पूर्णता की ओर अग्रसर है ऐसे में तप आरधक अपनी तप आराधना को बढाने व जिनशासन की महिमा बढ़ाने आराधना में ज्ञान-दर्शन-चारित्र का समावेश करते है। इसी तारतम्य में श्रीमती मंजुला रजनीकांत नाहर एवं पवन शैतानमल नाहर के साथ थांदला नगर की दो संयमी आत्मा जो आगामी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पावन दिन जैन भगवती दीक्षा अंगीकार करने जा रही भाई मुमुक्षु ललित सुंदरलाल भंसाली व नव्या मनीष शाहजी के संयम अनुमोदना में प्रातः 8 से 9 बजे तक भक्तामर जाप, 9 से 10 नवकार महामंत्र के जाप का आयोजन नवीन प्रतिष्ठान होटल श्री रेसीडेंसी पर किया गया इसी तरह दोपहर को चौवीसी का आयोजन हुआ जिसमें मुमुक्षुओं का शाल-माला पहनाकर व उनके संयम अनुमोदना के जयकारें लगाकर बहुमान किया गया। इस अवसर पर थांदला नगर की अनेक श्रावक – श्राविकाओं ने तप संयम की अनुमोदना में हिस्सा लिया सभी आगंतुक अतिथि मेहमानों को श्रीमती शीतल अंशुल नाहर कि ओर से स्वल्पाहार करवाते हुए प्रभावना प्रदान की गई।उल्लेखनीय है कि 72 वर्षीतप आराधकों के साथ अन्य स्थानों के वर्षीतप पारणें इस वर्ष धर्मदास गण परिषद व थांदला श्रीसंघ के बैनर तले प्रवर्तक श्री जिनेंद्रमुनिजी आदि, पूज्या श्री मधुबालाजी, मुक्तिप्रभाजी, पुण्यशीलाजी, संयमप्रभाजी आदि संत-सतियों के सानिध्य में पूज्य गुरुदेव श्री उमेशमुनिजी “अणु” की जन्म स्थली थांदला में ही होने जा रहे है जिनका सकल लाभ शांताबाई सुरेन्द्रकुमार तलेरा परिवार ने लिया है। वही इसके पूर्व 28 व 29 अप्रैल को होने वालें आयोजन का लाभ दीक्षार्थी परिवार द्वारा लिया गया है।
नाहर परिवार के तप अनुमोदना में भक्तामर, नवकार महामंत्र जाप व चौवीसी के आयोजन में दीक्षार्थी का किया बहुमान
