संसार में संपूर्ण सुख का भोक्ता कोई नहीं–साध्वी श्री सुपार्श्व निधिजी म,सा

दुखं का उपचार करो वही सच्चा सुख है महाप्रभावशालीअचिंत्य महिमावत महामंगलकारी चैत्रीय नव पद ओली आराधना का चतुर्थ दिवस
महावीर सन्देश-सचिन भंडारी
महिदपुर रोड स्थानीय श्री सुविधि नाथ जैन मंदिर परिसर स्थित राजेंद्र सूरी ज्ञान मंदिर में विराजित परम पूज्य साध्वी श्री सुपार्श्व निधि जी महाराज साहब ने सोमवार को धर्म सभा मे ज्ञान की गंगा को प्रभावित करते हुए कहा कि संसार में संपूर्ण सुख का भोक्ता कोई नहीं है।हर कोई किसी न किसी दुख से तो दुखी है। साध्वी जी ने कहा कि दुखं का उपचार करो वही सुख है। नवपद ओली आराधना चौथे दिन उपाध्यक्ष पद की आराधना की जाती है उपाध्याय के 27 गुण एवं श्याम वर्ण होता है उपाध्याय पद नवकार मंत्र में ज्ञान और शिक्षा का प्रतीक है जो जैन धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है उपाध्याय ज्ञान के मार्गदर्शन और शिक्षक होते हैं जो साधकों को आध्यात्मिक विकास की ओर ले जाते हैं।धर्मसभा में सकल जैन श्री संघ, समाज के वरिष्ठ महानुभव, श्रावक श्राविकाओ ने उपस्थित होकर धर्म लाभ प्राप्त किया पूज्य साध्वी श्री के मंगलमय प्रवचन प्रतिदिन सुबह 9: 15 से 10:30 बजे तक ज्ञान मंदिर में चल रहे हैं । आप श्री की पावन कारी निश्रा में 4 अप्रैल अप्रैल से चैत्र मास की नव पद ओली आराधना विधि विधान के साथ प्रारंभ हो गई है 35 आराधक श्रावक श्राविका इस मंगलकारी नव पद ओली आराधना में जुड़कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं 9 दिन तक चलने वाली यह महामंगलकारी मंगलमय आराधना 4 अप्रैल से 12 अप्रैल तक चलेगी। नवपद ओली आराधना के चतुर्थ दिवस एवं प्रभावना का लाभ श्रीमती रत्ना प्रभा बेन बुरड़ की पुण्य स्मृति में शांतिलाल रतनलाल बुरड़ परिवार नागदा वालों ने लिया। साधार्मिक भक्ति एवं प्रवचन प्रभाव ना का लाभ पारसमल यतिंद्र कुमार भंडारी परिवार द्वारा लिया गया उक्त जानकारी जैन समाज की मीडिया प्रभारी सचीन भंडारी ने दी

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