नव्या बहन चलेगी संयम की राह पर – 30 अप्रैल को लेगी जैन भगवती दीक्षा

परिजनों ने रावटी पहुँच कर प्रवर्तकश्री जिनेन्द्रमुनिजी को सौंपा आज्ञा-पत्र
अंतिम युद्ध- पंकज चोरडिया
थांदला। इस पृथ्वी पर अनेक स्थान है जो अलग-अलग कारणों से प्रसिद्धि को प्राप्त है उन्ही में भारत देश के दिल कहे जाने वालें मध्यप्रदेश का झाबुआ जिला भी अनेक कारणों से प्रसिद्ध है, इसी झाबुआ ज़िलें की धड़कन है थांदला नगर जो हिंदुत्व की अलख जगाने वालें भक्त मलुकदासजी, सरस्वती नन्दन स्वामीजी, जैन जगत के शिखर पुरुष जैनाचार्य पूज्य श्री जवाहरलालजी, पुण्यसागरजी व जन-जन की आस्था केंद्र पूज्य जैनाचार्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. “अणु” जैसे महापुरूषों की विशिष्ट साधना से ऊर्जावान है। ऐसे में सैकड़ो आत्माओं ने यहाँ से ऊर्जा प्राप्त कर अपना आत्म कल्याण किया है। जैन समाज का इतिहास भी थांदला नगर के जिक्र बिना अधूरा है उसका कारण है यहाँ की अनेक आत्माओं ने इन विशिष्ट आत्माओं की उत्तम जीवन साधना से प्रेरित होकर उनके बताए मार्ग का अनुसरण किया है। थांदला नगर में एक बार फिर ऐसी ही विशिष्ट आत्मा संयम की राह पर चलने को अग्रसर हो रही है।
नगर के धनाढ्य विशिष्ट गेंदालाल शाहजी परिवार की तीसरी पीढ़ी में जन्मी सुजानमलजी शाहजी की पौती व मनीष शाहजी की युवा पुत्री नव्या शाहजी ने संयम रुचिका पूज्या श्री संयमप्रभाजी म.सा. के पास आध्यात्म की शिक्षा प्राप्त कर उनके श्रीचरणों में अपना शेष जीवन समर्पित कर एकांत मोक्ष की साधना का मन बना लिया है। शाहजी परिवार में नाजो से पली नव्या के उत्कृष्ट भावों को माता पिता ने बधाया व उसके दृढ़ वैराग्य की परीक्षा के साथ उसे बढ़ाया है। नव्या के संयमी मार्ग को प्रशस्त करने उन्हें सांसारिक बंधनों से मुक्त करते हुए दादा-दादी, माता-पिता, चाचा-चाची सहित शाहजी परिवार, धर्मदास गण परिषद अध्यक्ष भरत भंसाली संग सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं के साथ रतलाम शहर के रावटी में विराजित पूज्य प्रवर्तक श्री जिनेंद्रमुनिजी महाराज साहेब व उपस्थित संत सतियों के श्रीचरणों में उपस्थित होकर सहर्ष नव्या का आज्ञा-पत्र सौंपतें हुए गुरुदेव से दीक्षा तिथि घोषित करने की मांग की। प्रवर्तक श्रीजी ने मंगलकारी प्रवचन देकर नव्या बहन के भावों की अनुमोदना करते हुए आगामी 30 अप्रैल 2025 अक्षय तृतीया को थांदला में जैन भगवती दीक्षा की आज्ञा प्रदान की। जानकारी देते हुए संघ प्रवक्ता पवन नाहर ने बताया कि इस दिन थांदला में मुमुक्षु ललित भाई भंसाली भी प्रवर्तक श्री से दीक्षा अंगीकार कर उनके शिष्य बन जायेंगें वही थांदला में चल रहे 72 वर्षीतप आराधकों के साथ देश के अन्य राज्यों से करीब 350 तपस्वी अपनी वार्षिक आराधना में लगे दोषों का प्रवर्तक श्री से प्रायश्चित लेंगें व अपने तप को पूर्ण करेंगें। श्रीसंघ अध्यक्ष भरत भंसाली, सचिव प्रदीप गादिया धर्मलता महिला मण्डल अध्यक्ष पुष्पा घोड़ावत, सचिव किरण श्रीश्रीमाल, ललित जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष रवि लोढ़ा, सचिव संदीप शाहजी, अणु बाल मण्डल अध्यक्ष विशेष तलेरा सचिव विरल शाहजी के नेतृत्व में विभिन्न समितियो का गठन कर जैन भगवती दीक्षा व वर्षीतप आराधकों की तप अनुमोदना में पधारने वाले हजारों गुरुभक्तों के आतिथ्य की जिम्मेदारी सौंप दी है। उल्लेखनीय है कि दीक्षार्थी भाई ललित व बहन नव्या की जयकार यात्रा एक दिन पूर्व 29 अप्रैल को प्रातः 8 बजे निज निवास से निकलेगी जिसका लाभ शाहजी व भंसाली परिवार द्वारा संयुक्त रूप से लिया गया है वही समस्त वर्षीतप आराधकों की तपस्या अनुमोदना व स्वामी वात्सल्य का लाभ शांता देवी सुरेन्द्रकुमार (नाकुसेठ) तलेरा परिवार के पुत्र प्रफुल्ल व राकेश तलेरा ने लिया है। धर्मदास गण परिषद, थांदला श्रीसंघ व शाहजी, भंसाली व तलेरा परिवार ने सभी गुरुभक्तों व वर्षीतप आराधकों से अधिक से अधिक संख्या में थांदला पधारने का आग्रह किया है।

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