बड़ावदा में सकल जैन समाज ने धूमधाम से मनाया महावीर जन्म कल्याणक

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त्रिशला नंदन वीर की जय, बोलो महावीर की जय के जयकारों से गूंजा नगर

बड़ावदा,एनएमटी समाचार एजेंसी।
अहिंसा के प्रतीक, श्रमण भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक उत्सव बड़ावदा में गुरुवार को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर सुबह 9:30 बजे आदिनाथ जिन मंदिर से एक भव्य वरघोड़ा निकाला गया, जिसमें रथ पर भगवान महावीर स्वामी का चित्र विराजमान था।

समाजजन गहुली लेकर घर-घर पहुंचे और जयकारों से माहौल को भक्तिमय बना दिया। “त्रिशला नंदन वीर की जय” और “बोलो महावीर की जय” के घोष से पूरा नगर गूंज उठा। महिलाएं भगवान महावीर के जन्म से जुड़े 14 स्वप्नों को लेकर चल रही थीं। युवतियों ने पारंपरिक गरबा नृत्य प्रस्तुत कर उत्सव में रंग भर दिए। महिला परिषद द्वारा जलपान की सुंदर व्यवस्था की गई।

वरघोड़ा जयशेखर धाम दादावाड़ी पहुंचकर संपन्न हुआ, जहां गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया। सभा की शुरुआत भगवान महावीर स्वामी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुई। समाज के वरिष्ठ जनों ने भगवान के जीवन आदर्शों को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया।

गुणानुवाद सभा में इन वक्ताओं ने रखे विचार:
सुरभि सकलेचा, सलोनी सकलेचा, प्रिया चत्तर, शिरीष सकलेचा, पर्व हिंगड़, प्रियांशी सकलेचा, प्रवीण सिसोदिया आदि वक्ताओं ने भगवान महावीर के बताए सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य के मार्ग पर चलने का आव्हान किया। सभा के दौरान आयोजित तात्कालिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को कनकमल सकलेचा द्वारा पुरस्कार वितरित किए गए।

कार्यक्रम का संचालन विपुल सकलेचा ने किया।
सकल जैन श्री संघ द्वारा स्वामी वात्सल्य का आयोजन भी किया गया, जिसमें समाज के सभी वर्गों ने सहभागिता की। दोपहर में नरेंद्र सकलेचा परिवार द्वारा महावीर पंचकल्याणक पूजन का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से भाग लिया।

रात्रि में आरती व प्रभु भक्ति से वातावरण आध्यात्मिक हो उठा। सम्पूर्ण आयोजन समाज की एकता, संस्कृति और भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांतों के प्रति आस्था का प्रतीक रहा।

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