अपने अंदर सोए जैनत्व को जगाए

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जिन्होंने आत्मा की मुक्ति का मार्ग दिखलाया…
समस्त जगत में जैन धर्म का झंडा लहराया…
जन जन को जिनवाणी से अवगत कराया…
ऐसे तीर्थंकर प्रभु महावीर स्वामी का जन्म महोत्सव हैं आया…!!

एनएमटी समाचार एजेंसी। प्रभु महावीर ने संपूर्ण विश्व को अहिंसा, सत्य, परहित, त्याग, तपस्या,जियो और जीनी दो जैसे संदेशों को हैं दिया…
जिनकी जिनवाणी को अपनाकर समग्र समाज के लोगों ने आंतरिक शांति और खुशहाल जीवन को हैं जिया…
जिनकी कृपा से क्रोध, मान, माया, लोभ जैसे आदि कषायों पर हो पाई मानव की जीत…
ऐसे तीर्थंकर प्रभु महावीर स्वामी से अब और भी बढ़ानी हैं हमको अनोखी प्रीत…!!

प्रभु से जुड़कर प्रभु के सिद्धांतों को अपनाने का भावी पीढ़ी में उत्साह और जुनून जगाना हैं…
आधुनिकता की होड़ और नैतिक पतन से अंधकार की और जाने वाले मार्ग से हमें खुद को और हमारे अपनों के साथ साथ हर जैनी को बचाना हैं…
त्याग, समर्पण,अहिंसा, मैत्री, परोपकार जैसी खूबसूरत सोच और व्यवहार का दीप घर घर में रोशन करवाना हैं…
बढ़ते सूक्ष्म परिवार,बढ़ते वृद्धाश्रम, बढ़ते अंतर्जातीय विवाह पर अब कमर कस कर रोक लगाना हैं…!!

ये हैं बड़ा ही चिंतनीय विषय कि जैन होकर भी खो रहे हैं हम अपने ही जैन होने की निशानी…
अगर अब भी न संभले तो हमारी भावी पीढ़ी को होगी इसकी बहुत ही महंगी और गहरी कीमत चुकानी…
शुरुआत इसकी हमको खुद अपने ही आप और अपने ही घर परिवार से करनी होगी…
सिखलाया जो तीर्थंकर प्रभु महावीर स्वामी ने, उनकी हर एक सीख को अमर और अमल करनी होगी…!!

जागो जैन समाज के नव युवाओं तुम्हें अब खुद अपने समाज की रक्षा का प्रण लेना होगा…
“अपने अंदर सोए जैनत्व को जगाकर”, अपने आने वाले कल को सुरक्षित करना होगा…
वर्तमान में तीर्थंकर महावीर की जिनवाणी को व्यवहारिक जीवन में अनुसरण करने की अतिआवश्यकता हैं ये जन जन को समझना होगा…
युगों युगों तक सही मायने में तभी महावीर जन्मकल्याणक मनाना सफल होगा…!!
हां, युगों युगों तक सही मायने में तभी महावीर जन्मकल्याणक मनाना सफल होगा…!!

।।आप सभी को प्रभु महावीर जन्मकल्याणक की अनेकानेक शुभकामनाएं एवम् हार्दिक बधाईयां।।

स्वरचित:- ममता रितेश कोठारी “रितममता” इंदौर (मध्यप्रदेश)

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