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185 से अधिक श्रद्धालु आत्मशुद्धि की साधना में लीन
“आयंबिल आत्मा की शुद्धि और मोक्ष का सशक्त माध्यम है” — पुखराज पटवा
जावरा, एनएमटी समाचार एजेंसी।
जैन समाज की प्रतिष्ठित संस्था समता महिला मंडल द्वारा ओली पर्व के पावन अवसर पर आयंबिल तप का भव्य आयोजन श्रद्धा और अनुशासन के साथ किया जा रहा है। इस सात्विक आयोजन में 185 से अधिक श्रद्धालु संयम, सेवा और आत्मिक साधना की भावना से तपस्या में रत हैं।
“आयंबिल आत्मा की ओर बढ़ने का मार्ग”
श्री ओसवाल साजनासाथ समाज (छोटे साथ), जावरा के अध्यक्ष पुखराज पटवा ने तपस्वियों को संबोधित करते हुए कहा,
“आयंबिल केवल शरीर को नहीं, बल्कि आत्मा को भी अनुशासित करता है। यह मोक्ष की ओर बढ़ने का सशक्त मार्ग है। यह आयोजन जैन समाज की तप परंपरा, सेवा भावना और एकजुटता का सुंदर उदाहरण है।”
आयोजन की संपूर्ण व्यवस्था महिला मंडल के हाथों
इस पुण्य आयोजन का संचालन संस्था अध्यक्ष चंचल पुखराज पटवा, महामंत्री पूजा पंकज धाडीवाल एवं कोषाध्यक्ष राजकुमारी पगारिया के नेतृत्व में किया जा रहा है। इन्होंने अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को तप में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
सेवा में समर्पित कार्यकर्ता
इस आयोजन को सफल बनाने में तन-मन से सहयोग देने वाले प्रमुख सदस्य हैं:
सुभाष टुकड़ियां, अशोक झामर, विमल चपड़ोद, पुखराज चत्तर, अशोक छजलानी, राजेश संघवी, निलेश दसेड़ा, चंद्रप्रकाश औसतवाल, पंकज कांठेड़, पंकज ओस्तवाल, मोतीलाल चपड़ोद, पुखराज कांठेड़, ललित पगारिया, राजेश पोखरना, एवं संजय कोलन।
महिलाओं का विशेष योगदान
महिला मंडल के साथ-साथ अन्य सहयोगी मंडलों की बहनों ने भी अत्यंत समर्पण के साथ सेवाएं दी हैं, जिनमें शामिल हैं:
लाड़कुंवर खारीवाल, विद्या काठेड़, काजल काठेड़, उषा चौहान, रचना पावेचा, अंगूरबाला पोखरना, शांताबाई आचलिया, आयुषी रांका, आस्था पगारिया, सोहन देवी भंडारी, मणिकांता औसतवाल, नीलू पावेचा, दिव्या पगारिया, अनुपमा भंडारी, चंदनवाला कोठारी,
रुचि नाहर, साधना चौहान, अर्चना करनावट, विजयकांता पामेचा, समीक्षा पोखरना, सुमन मेहता, उषा लूनिया, साधना दलाल, रेखा पगारिया, अलका पटवा, प्रियंका पटवा, मोनिका पावेचा, चेतना मेहता, मीनू बोरा, ज्योति काठेड़, धमिष्ठा मेहता, चंद्रकला लालवानी, मधु नाहर, मनीषा औसतवाल, एवं सिद्धि ओस्तवाल, रेखा सुराणा सहित अनेकों बहनों का योगदान उल्लेखनीय रहा।
तपस्वियों की सेवा में सदैव तत्पर
महावीर सुखेड़ा वाला, ओनिश पगारिया, अभय सुराणा, विजय पामेचा, अभय भंडारी और अनिल पावेचा जैसे समर्पित कार्यकर्ता तपस्वियों को सात्विक भोजन, शांत वातावरण और आवश्यक सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।
आयंबिल तप — आत्म अनुशासन की श्रेष्ठ साधना
इस तप के अंतर्गत श्रद्धालु बिना नमक, मसालों और स्वादवर्धक पदार्थों के सात्विक आहार ग्रहण करते हैं। साथ ही वे प्रार्थना, ध्यान, स्वाध्याय तथा संयमपूर्ण दिनचर्या द्वारा आत्मकल्याण की दिशा में अग्रसर होते हैं।
जावरा में समता महिला मंडल द्वारा आयोजित यह आयंबिल तप न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज में तप, सेवा और एकता की मिसाल बन गया है।
(अंतिम युद्ध – राजकुमार हरण)
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