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मुरैना NMT News Agency मुरैना नगर में भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक महोत्सव के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय भव्य धार्मिक आयोजनों की श्रृंखला संपन्न हुई। अंतिम दिन सकल जैन समाज के सहयोग से श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती बड़ा मंदिर कमेटी के नेतृत्व में भव्य रथ यात्रा एवं शोभा यात्रा का आयोजन बड़े ही श्रद्धा, उल्लास और भक्ति भाव के साथ किया गया।
भगवान महावीर की रथयात्रा बनी श्रद्धा और भक्ति का अनुपम दृश्य
भगवान महावीर स्वामी को सुसज्जित रथ पर सौधर्म इंद्र द्वारा विराजित कर नगर भ्रमण कराया गया। अन्य चार इंद्र प्रभु पर चंवर ढुराते हुए शोभा बढ़ा रहे थे। शोभायात्रा में घोड़ों पर सवार युवा साथी पंचरंगी ध्वजाएं लिए आगे-आगे चल रहे थे।
पांच घोड़ा-बग्घियों में पात्र रूप में श्रेष्ठिजनों का विराजमान होना, ढोल-नगाड़े और बैंड की गूंज, तथा जैन सिद्धांतों पर आधारित झांकियों ने शोभायात्रा को भव्यता प्रदान की।
युवा वर्ग भक्ति गीतों पर भाव-विभोर होकर नृत्य कर रहा था। जैन मित्र मंडल के एक सैकड़ा से अधिक युवाओं ने केसरिया साफा पगड़ी, सफेद पोशाक और गले में सुंदर बैज के साथ उपस्थिति दर्ज करवाई, जो सभी के आकर्षण का केंद्र बने रहे।
रथ यात्रा का नगर में भव्य स्वागत
भगवान महावीर के रथ को युवाओं ने अपने हाथों से खींचा, जो भक्ति और समर्पण की सजीव मिसाल बनी। रथ यात्रा बड़ा जैन मंदिर से प्रारंभ होकर गोपीनाथ पुलिया, जीवाजी गंज, राम जानकी मंदिर, सुबात रोड, सदर बाजार, स्टेशन रोड, सराफा बाजार सहित नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरती हुई पुनः बड़ा जैन मंदिर पहुंची।
नगरवासियों ने विभिन्न स्थानों पर आरती कर, शीतल पेय व ठंडाई वितरित कर भगवान का स्वागत किया। अग्रसेन पार्क में अग्रवाल महासभा, चंद्रप्रभु जिनालय, लोहिया बाजार आदि स्थानों पर समाजजनों ने रथयात्रा की अगवानी की।
भक्तिमय वातावरण से गूंज उठा मुरैना
जैन संस्कृत विद्यालय एवं स्वस्ति भूषण जैन स्कूल के बच्चों द्वारा संचालित बैंड दल, प्राचार्य पं. चक्रेश शास्त्री के नेतृत्व में प्रभु भक्ति में लीन होकर वादन करते हुए शोभायात्रा में सम्मिलित हुआ।
डीजे पर गूंजते जैन भजनों की धुन पर युवा मंडल एवं बालिकाएं नृत्य कर रहे थे, वहीं महिला मंडल की महिलाएं केसरिया परिधान में प्रभु भक्ति गीत गाते हुए चल रही थीं।
पाण्डुक शिला पर जलाभिषेक एवं सामूहिक वात्सल्य भोज
बड़े जैन मंदिर में पहुंचकर भगवान महावीर स्वामी को पाण्डुक शिला पर विराजमान कर स्वर्ण कलशों द्वारा जलाभिषेक किया गया। जलधारा के प्रभु मस्तक पर आते ही पूरा वातावरण “महावीर स्वामी की जय” से गूंज उठा।
रथयात्रा के समापन उपरांत सभी श्रद्धालुओं ने सामूहिक वात्सल्य भोज का लाभ लिया। लगभग एक किलोमीटर लंबी शोभायात्रा को पूर्ण होने में करीब 5 घंटे का समय लगा, परंतु जनमानस की श्रद्धा और भक्ति ने हर क्षण को अनुपम बना दिया।
महावीर संदेश –
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