उदयपुर में 11 मई से आयोजित होगा प्राकृत विद्या शिक्षण शिविर

प्राकृत भाषा को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास, देशभर से विद्वानों की सहभागिता

उदयपुर, 13 अप्रैल (एन.एम.टी. न्यूज़ एजेंसी)।
प्राकृत भाषा विकास फाउंडेशन एवं अखिल भारतीय दिगंबर जैन शास्त्री परिषद के संयुक्त तत्वावधान में, प्राकृताचार्य श्री सुनील सागर जी महाराज के आशीर्वाद से प्राकृत विद्या शिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह शिविर दिनांक 11 मई से 18 मई 2025 तक उदयपुर में आयोजित होगा।

सभी आयु वर्ग के लिए रहेगा शिविर उपयोगी

इस शिक्षण शिविर में बच्चों से लेकर वयस्कों तक को प्राकृत भाषा का प्रारंभिक ज्ञान, संस्कार शिक्षण, प्राकृत नीति ग्रंथों का अध्ययन, एवं आचार-विचार आधारित जीवन मूल्यों की शिक्षा प्रदान की जाएगी।

शास्त्रीय भाषा के रूप में मिली मान्यता

डॉ आशीष जैन (राष्ट्रीय संयोजक) ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किया है। यह भाषा जन-जन की बोली रही है और सदियों से भारतीय ज्ञान परंपरा का अभिन्न अंग रही है। इसी उद्देश्य से देशभर में प्राकृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु ऐसे शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।

आयोजन समिति के प्रमुख सदस्य:

  • संरक्षक: श्री शांतिलाल बेलावत (उदयपुर), श्री सुरेश पद्मावत (उदयपुर)
  • सर्वाध्यक्ष: डॉ श्रेयांस कुमार जैन (बड़ौत)
  • अध्यक्ष: डॉ ऋषभचंद जैन (दमोह)
  • निदेशक: डॉ उदयचंद जैन, डॉ ज्योतिबाबू जैन (उदयपुर)
  • सह निदेशक: डॉ शैलेश जैन (बांसवाड़ा), डॉ सोनल कुमार जैन (दिल्ली)
  • राष्ट्रीय संयोजक: डॉ आशीष जैन (आचार्य, शाहगढ़)
  • समन्वयक: ब्र. सुशांत जैन (उदयपुर), धरनेंद्र जैन शास्त्री (उदयपुर)
  • संयोजक: ऋतेष जैन (उदयपुर), डॉ राजेश देवड़ा (उदयपुर)

इस शिविर के माध्यम से प्राचीन भारतीय भाषा प्राकृत को आधुनिक समाज से जोड़ने और इसके महत्व को पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।

महावीर संदेश – डॉ आशीष जैन

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