जैन मुनियों पर हमला निंदनीय, सरकार साधु-संतों की सुरक्षा हेतु करे पुख्ता व्यवस्था: मनीष कुमट

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📍 झकनावदा | 🗓 16 अप्रैल 2025 एन.एम.टी. न्यूज़ एजेंसी

मध्यप्रदेश के नीमच जिले में जैन मुनियों पर हुए प्राणघातक हमले के विरोध में श्री नाकोड़ा पार्श्व भैरव ट्रस्ट मंडल, मेवानगर पेटलावद के ट्रस्टी मनीष कुमट (जैन) ने कड़ा बयान जारी करते हुए इस जघन्य कृत्य की घोर निंदा की है। उन्होंने इसे संतों और भारतीय संस्कृति दोनों पर हमला बताया।


🛕 घटना का विवरण: रात्रि विश्राम के दौरान हमला

रविवार की शाम को सिंगोली नगर से लगभग 5 किलोमीटर विहार कर जैन मुनिराजों का एक दल कछाला गांव के मंदिर में रात्रि विश्राम हेतु ठहरा।
रात्रि करीब 10 से 11 बजे के बीच, जब संत विश्राम कर रहे थे और एक मुनिराज धार्मिक क्रियाओं में लीन थे, तभी 5-7 असामाजिक तत्व मंदिर में घुसे और
एक मुनिराज को उठाकर ले गए और लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा, उनसे पैसे की मांग की और मृत समझकर सड़क पर फेंक दिया

इसके बाद दो अन्य संतों पर भी क्रूरता से हमला किया गया। संतों ने जैसे-तैसे मदद की गुहार लगाई,
जिस पर सिंगोली के जैन समाज के लोग तत्काल पहुंचे और संतों की सेवा-संभाल की।


🗣 मनीष कुमट का बयान: संतों पर हमला, समाज पर हमला

मनीष कुमट (जैन) ने कहा—

“जैन साधु-संत समाज की अमूल्य धरोहर हैं।
उन पर हमला केवल व्यक्ति पर नहीं, पूरे जैन समाज और भारतीय संस्कृति पर हमला है।”

उन्होंने कहा कि वर्तमान में संतों पर हो रहे हमले गंभीर चिंता का विषय हैं और

“अब समय आ गया है कि सरकार विशेष सुरक्षा व्यवस्था लागू करे,
ताकि साधु-संत निडर होकर विहार कर सकें।”


🔒 सुरक्षा की मांग और जिम्मेदारी का आह्वान

ट्रस्टी मनीष कुमट ने यह भी कहा—

जैन समाज का प्रत्येक सदस्य यह जिम्मेदारी समझे कि अपने क्षेत्र में
जो भी संत-मुनिराज विहार कर रहे हों, उनके आहार-विहार और सुरक्षा की व्यवस्था पूर्ण जिम्मेदारी से की जाए।

उन्होंने यह अपील की कि

“संतों के आगे विहार करने की स्थिति में अगले गांव या नगर के प्रमुखों को सूचना दी जाए,
ताकि धर्म और संस्कृति के रक्षक संतों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।”


👮‍♂️ पुलिस कार्रवाई: एक सकारात्मक कदम

हमले के बाद पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
हालांकि वे शराब के नशे में थे, यह कहकर उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता।

“असामाजिकता और अमानवीयता के लिए कठोर सजा जरूरी है।”
ट्रस्ट मंडल एवं समस्त ट्रस्टीगणों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।


❝ साधु-संतों की सुरक्षा केवल शासन की नहीं, हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है,

क्योंकि संत हैं, तभी समाज है।

जैन साधु-संतों पर हुआ यह हमला पूरे समाज के लिए चेतावनी है।
आइए, मिलकर अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करें।

📝 रिपोर्ट: महावीर संदेश |

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