[ad_1]

📍 जावरा | 🗓 16 अप्रैल 2025 एन.एम.टी. न्यूज़ एजेंसी
मध्यप्रदेश के नीमच जिले के सिंगोली कस्बे से लगभग 7 किलोमीटर दूर एक हृदयविदारक और शर्मनाक घटना सामने आई है। हनुमान मंदिर में ठहरे तीन जैन मुनियों पर लाठी-डंडों से हमला किया गया। यह हमला न केवल जैन समाज, बल्कि पूरी भारतीय संस्कृति पर गहरा आघात है।
⚖️ क्या था मुनियों का दोष?
इन मुनियों का कोई अपराध नहीं था। वे न किसी से कुछ माँगते थे, न किसी को नुकसान पहुँचाते थे।
वे तो अहिंसा, तप और त्याग के मार्ग पर चलकर आत्मकल्याण की साधना में लीन थे।
फिर भी, धार्मिक स्थल में ठहरे इन निर्दोष संतों पर हमला हमारी सहिष्णु संस्कृति पर एक गहरा धब्बा है।
🗣 अभय सुराणा का तीखा विरोध
अखिल भारतीय जैन योग अध्यक्ष के राष्ट्रीय वरिष्ठ मार्गदर्शक अभय सुराणा ने घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा—
“जब संतों पर हमला होता है, तो केवल व्यक्ति नहीं, पूरी मानवता घायल होती है।
यह केवल जैन समाज का नहीं, मानवता और भारतीय अध्यात्म का अपमान है।”
💥 जनता का विरोध—सिंगोली शहर बंद
घटना से आक्रोशित स्थानीय जनता और विभिन्न समाजों ने सिंगोली शहर बंद कर विरोध प्रकट किया।
सभी समाजों ने एकजुट होकर यह संदेश दिया कि
“संतों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
👮♂️ जांच और कार्रवाई
अब तक राजस्थान के 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
हालांकि पुलिस का कहना है कि आरोपी नशे में थे,
लेकिन केवल शराब के नशे में होने का बहाना बनाकर उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता।
इस हमले के पीछे किसी गहरी साजिश की जांच भी आवश्यक है।
पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर न्याय की दिशा में आशा की किरण जगाई है, जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं।
📢 समाज की जिम्मेदारी—आवाज़ उठाना जरूरी
अभय सुराणा ने कहा—
“हम सबकी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाओं का खुलकर विरोध करें,
समाज में जागरूकता फैलाएं, ताकि किसी संत, किसी निर्दोष पर दोबारा ऐसा अत्याचार न हो।”
❝ अहिंसा की राह पर चलने वालों को हिंसा का शिकार बनते देखना,
केवल एक धर्म की नहीं, पूरे मानव धर्म की हार है। ❞
✊ यह केवल तीन मुनियों पर हमला नहीं था—यह भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और सहिष्णुता पर हमला था। अब वक्त है, एकजुट होकर सत्य और अहिंसा के पक्ष में खड़े होने का।
📝 रिपोर्ट: राजकुमार हरण |
[ad_2]
Source link