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📍 जावरा | 🗓 16 अप्रैल 2025 एन.एम.टी. न्यूज़ एजेंसी
तप और तीर्थ का अद्भुत संगम, समाज में उमंग और श्रद्धा का वातावरण
जावरा में चल रही वर्षीतप आराधना अपने चरम पर है और इसी पुण्य अवसर पर बुधवार प्रातः 5:58 बजे श्री केसरिया जी तीर्थ के दर्शनार्थ 101 वर्षीतप आराधकों का भव्य श्रीसंघ मंगल भावना के साथ रवाना हुआ। यह क्षण जावरा जैन समाज के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण और भावविभोर करने वाला रहा, जिसमें तपस्या, त्याग और तीर्थ की त्रिवेणी साकार होती दिखी।
दसेड़ा परिवार की प्रेरणादायी भूमिका
इस पावन आयोजन के मुख्य लाभार्थी रहे श्री विजयकुमार, अनिलकुमार, अर्पितकुमार एवं अंशुलकुमार दसेड़ा परिवार, जिनके आस्था, समर्पण और सहयोग से यह मंगल यात्रा संभव हो सकी।
भावुकता से ओतप्रोत विजयकुमार दसेड़ा ने कहा:
“कई वर्षों से श्री केसरिया जी तीर्थ के दर्शन की मन में भावना थी। आज दादा आदिनाथ की कृपा से वह भावना पूर्ण हुई है। यह पल मेरे जीवन का अत्यंत सुखद और रोमांचकारी है।”
श्रद्धालुजन की उपस्थिति और मंगल विदाई
श्रीसंघ की विदाई के समय समाजजन, तपस्वीजन, आराधक एवं धर्मप्रेमी नागरिकों की विशाल उपस्थिति रही। मंगलाचरण, भव्य वंदना और शुभकामनाओं के साथ श्रीसंघ को भावभीनी विदाई दी गई। यह श्रीसंघ केसरिया जी के अतिरिक्त अन्य समीपवर्ती तीर्थों की भी वंदना करेगा।
वर्षीतप पूर्णाहुति – 30 अप्रैल को
ज्ञात हो कि वर्षीतप आराधना का समापन समारोह 30 अप्रैल को प्रस्तावित है, जिसमें तपस्वियों की दीर्घकालीन तपस्या की पूर्णाहुति की जाएगी। इस पावन यात्रा और आयोजन से सम्पूर्ण समाज में भक्ति, श्रद्धा और तप का संदेश प्रसारित हुआ है, जो आने वाली पीढ़ियों को धर्म और साधना की प्रेरणा देगा।
निष्कर्ष
ऐसे आयोजन न केवल धार्मिक चेतना को जाग्रत करते हैं, बल्कि समाज को संघबद्धता, सेवा और साधना की भावना से भी जोड़ते हैं। जावरा जैन समाज ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि आस्था और एकता के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
रिपोर्ट: राजकुमार हरण | महावीर संदेश |
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