📍 मुंबई | 🗓 16 अप्रैल 2025 एन.एम.टी. न्यूज़ एजेंसी
तीन दशक पुरानी आस्था पर चला बुलडोज़र – जैन समाज की आहत भावनाएं, तीव्र विरोध
मुंबई के विरले पार क्षेत्र में स्थित 30 वर्ष पुराना पार्श्वनाथ जिन मंदिर को महाराष्ट्र सरकार द्वारा ध्वस्त किए जाने की घटना से संपूर्ण जैन समाज में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। यह मंदिर जैन समाज की आस्था, श्रद्धा और धार्मिक पहचान का प्रतीक था।
जैन नेताओं ने बताया – यह केवल मंदिर नहीं, हमारी आत्मा पर हमला है
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर विश्व जैन संगठन और जिन शासन एकता संघ के प्रचारक राजेश जैन दद्दू एवं अध्यक्ष मयंक जैन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“महाराष्ट्र सरकार ने जैन मंदिर तोड़कर संपूर्ण भारत के जैन समाज से सीधा टकराव मोल ले लिया है। यह धार्मिक सहिष्णुता और संविधानिक मूल्यों पर कुठाराघात है।”
राजेश जैन दद्दू ने बताया कि समाजजन प्रशासन से बार-बार गुहार लगाते रहे, निवेदन करते रहे कि मंदिर को न तोड़ा जाए, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने एक न सुनी और मंदिर को ज़मीनदोज़ कर दिया।
जबलपुर की घटना भी बनी आक्रोश का कारण
दद्दू ने आगे कहा कि इससे पहले मध्यप्रदेश के जबलपुर में बीजेपी नेताओं द्वारा जैन समाज की तुलना रावण से करने और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने से भी समाज आहत और अपमानित हुआ था।
इन दोहराई जा रही घटनाओं ने जैन समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कहीं न कहीं राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर योजनाबद्ध तरीके से हमारी आस्था पर चोट की जा रही है।
अब सहन नहीं, अब संघर्ष होगा – समग्र जैन समाज की चेतावनी
जैन समाज के वरिष्ठ जनों, धार्मिक संगठनों, युवा वर्ग और महिला मंडलों ने इस प्रकरण पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है।
समाजजन अब एकजुट होकर महाराष्ट्र सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ शांतिपूर्वक संघर्ष की तैयारी में हैं।
“अब यह अपमान और सहन नहीं होगा। यह हमारी धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है, जिसे हर हाल में रोका जाएगा।”
— मयंक जैन, अध्यक्ष, जिन शासन एकता संघ
राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन की संभावना
इस घटना के विरोध में देशभर में विरोध सभाएं, मौन रैलियां, और संविधानिक मार्ग से न्याय प्राप्ति के प्रयास तेज़ किए जाएंगे। सभी जैन संगठन, मुनि संघ, महिला मंडल, और युवा संगठन इस संघर्ष में एक स्वर में आवाज़ उठाएंगे।
रिपोर्ट: राजेश जैन दद्दू | महावीर संदेश |