“राग-द्वेष के रहते नहीं मिल सकता ज्ञान” – साध्वीश्री तत्वलता जी का मेघनगर में मंगल प्रवेश

[ad_1]

 

मेघनगर, 18 अप्रैल 2025 (एन.एम.टी. न्यूज़ एजेंसी):
“जिसके मन में राग और द्वेष है, वह व्यक्ति कभी भी सच्चे ज्ञान की प्राप्ति नहीं कर सकता। राग-द्वेष से रहित अरिहंत परमात्मा की आराधना ही आत्मकल्याण का सर्वोत्तम मार्ग है।” यह पावन वाणी पूज्य साध्वीश्री तत्वलता जी महाराज साहब ने आज मेघनगर में अपने मंगल प्रवेश के अवसर पर व्यक्त की।

साध्वीश्री ने अपने प्रवचन में कहा कि परमात्मा को भी केवलज्ञान प्राप्त करने में 12.5 वर्ष लगे, वहीं मनुष्य जब तक राग-द्वेष जैसे कषायों से मुक्त नहीं होता, तब तक वह आत्मज्ञान को प्राप्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अरिहंत परमात्मा वीतरागी होते हैं और उनकी आराधना ही जीवन को सच्चे अर्थों में सार्थक बनाती है।

साध्वीश्री तत्वलता जी ने वर्ष 2024 का चातुर्मास मेघनगर में पूर्ण किया और अब वे सिद्धवड पालीताणा में आयोजित उपधान तप आराधना में भाग लेने हेतु विहार पर निकली हैं। उनका यह विहार अहमदाबाद, गोधरा, झालोद, कुशलगढ़, थांदला होते हुए आज मेघनगर में हुआ।

नगर में बाफना फाइबर्स से ढोल-नगाड़ों के साथ साध्वीश्री का भव्य मंगल स्वागत किया गया। जुलूस साईं चौराहा, दशहरा मैदान, शांति सुमतिनाथ मंदिर, आजाद चौक से होते हुए ज्ञान मंदिर तक पहुंचा।

यहां से पूज्यश्री झाबुआ, फिर पारा, और इसके बाद मोहनखेड़ा पहुंचेंगी। मोहनखेड़ा में उनकी पावन निश्रा में 14 से 21 मई तक कन्या शिविर का आयोजन किया जाएगा।


(महावीर संदेश – जयेश झामर)



[ad_2]

Source link

admin

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *