“जो सच्ची श्रद्धा से जिनमार्ग पर चलता है, वह शाश्वत सुख को प्राप्त करता है” – प्रवर्तक श्री जिनेन्द्र मुनि जी

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पेटलावद, 18 अप्रैल 2025 (एन.एम.टी. न्यूज़ एजेंसी):
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन समाज, पेटलावद के लिए 17 अप्रैल का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब धर्मदास गण प्रमुख प्रवर्तक श्री जिनेन्द्र मुनि जी महाराज साहब, पूज्य संयत मुनि जी, वक्ता संदीप मुनि जी, और ठाणा पांच सहित 45 साधु-साध्वियों के साथ नगर में मंगल प्रवेश हुआ।

कानवन रोड पर जैसे ही साधु-साध्वी मंडल पहुंचे, वातावरण धर्ममय और अद्भुत हो गया। उपस्थित साध्वीगणों में साधु भगवंतों का सामान उठाने की उत्साहपूर्वक होड़ लग गई। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन भी सजग रहा, नगर निरीक्षक दिनेश शर्मा ने पायलटिंग कर मार्ग का निरीक्षण कराया।

नगर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुजनों ने प्रवर्तक श्री की अगवानी की और उनका भव्य स्वागत कर अनुपम श्रद्धा का उदाहरण प्रस्तुत किया। अब पेटलावद में कुल 50 संत-श्रमण भगवंतों की उपस्थिति से गुरुकुल में शिखर स्थापना के सम अवसर का निर्माण हो गया है।

प्रवर्तक श्री ने धर्मसभा में कहा—

अज्ञान और मोह के कारण जीव सही मार्ग नहीं चुन पाता और दुख भोगता है। भगवान द्वारा बताया गया जिनमार्ग दुख और भय से रहित है, यह भवसागर को पार कराने वाला मार्ग है। जो श्रद्धा के साथ जिनेश्वर के बताये पथ पर चलता है, वह शाश्वत सुख को प्राप्त करता है।”

उन्होंने आगे कहा—

“भगवान ने सुमार्ग और कुमार्ग दोनों का विवेक कर हमें सुमार्ग अपनाने का उपदेश दिया है। जो पाप को पाप के रूप में जान लेता है, वह शीघ्र जिनमार्ग पर अग्रसर होता है।”

सभा में उन्होंने गुरुकुल के सफल संचालन हेतु साधु-साध्वी मंडल की अनुमोदना की तथा श्री संघ द्वारा संतों की सेवा के लिए आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर 16 अप्रैल को मालव केसरी पूज्य सौभाग्यमल जी महाराज साहब की 115वीं दीक्षा तिथि भी श्रद्धा से मनाई गई। इस मौके पर पूज्य धर्मेन्द्र मुनि जी ने भावभीना वक्तव्य दिया—

“हमने जीवन में क्विंटलों शक्कर खाई है, फिर भी मालव केसरी जैसी मीठी वाणी न बोल सके। उनका बाल्यकाल धर्म से परिपूर्ण था, जिन्होंने पूरे देश में संयम का मार्ग प्रसारित किया और समाज में एकता स्थापित की।”

आज रतलाम निवासी मुमुक्षु हर्षिता महेन्द्र जैन, जो शीघ्र ही श्रीमद विजय मुक्तिसुरेश्वर जी महाराज से भगवती दीक्षा लेंगी, उन्होंने भी प्रवर्तक श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। प्रवर्तक श्री ने उन्हें कहा—

“ज्ञान, दर्शन, चरित्र की आराधना करो, गुरु आज्ञा का पालन करो और शीघ्र ही मोक्ष पद को प्राप्त करो – यही हमारी शुभकामनाएं हैं।”

सभा में साध्वी बहुमंडल, पूजा सोलंकी एवं ऋतु सोलंकी ने सुंदर स्तवन प्रस्तुत किए।
आज की प्रभावना रतलाम के इंद्रमल चौरडिया, रखब सोलंकी, वर्धमान मुरार पेटलावद द्वारा वितरित की गई।
दिलीप कुमार लोढ़ा परिवार द्वारा इस अवसर पर चौवीसी का आयोजन भी किया गया।


(महावीर संदेश – राकेश डूंगरवाल)

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