[ad_1]

हार्दिक हुंडिया का देवेंद्र फडणवीस सरकार और मुंबई महानगर पालिका से तीखा सवाल
“क्या पूरे महाराष्ट्र में सिर्फ जैन मंदिर ही गैरकानूनी हैं?”
पूरे जैन समाज में आक्रोश – जरूरत पड़ी तो हम भी शस्त्र उठाएंगे : जैन मुनि निलेशचन्द्र
मुंबई | 21 अप्रैल 2025 | एन.एम.टी. न्यूज़ एजेंसी
विले पार्ले (पूर्व) स्थित जैन दिगम्बर मंदिर को तोड़े जाने की घटना से देशभर के जैन समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त हो गया है। इस विषय पर समाज के अग्रणी हार्दिक हुंडिया ने महाराष्ट्र सरकार एवं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, साथ ही मुंबई महानगर पालिका प्रशासन से कठोर शब्दों में जवाब मांगा है।
हार्दिक हुंडिया ने प्रश्न किया –
“क्या पूरे महाराष्ट्र में सिर्फ जैन मंदिर ही अवैध हैं? क्या सभी होटल, बार, मार्केट और अन्य अनधिकृत निर्माण वैध हो गए हैं? कार्यवाही सिर्फ मंदिरों पर ही क्यों हो रही है?”
उन्होंने इसे देश के धर्मप्रेमियों की आस्था पर सीधा हमला बताया।
हुंडिया ने मंदिर ट्रस्टियों से भी सवाल किया कि यदि मंदिर पिछले 30 वर्षों से अवैध भूमि पर स्थित था, तो उसे वैध करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए? कोर्ट का आदेश क्यों आया और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? समाज को इस पर जवाब चाहिए।
मुंबई महानगर पालिका अधिकारियों पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि –
“क्या पूरे शहर में सिर्फ यही मंदिर ही अवैध था? क्या बाकी अवैध निर्माण को आप जानबूझकर अनदेखा कर रहे हैं? क्या यह कार्यवाही किसी विशेष धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से की गई है?”
हार्दिक हुंडिया ने चारों जैन संप्रदायों को एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि आज एक मंदिर को नुकसान पहुंचा है, कल किसी और मंदिर की बारी हो सकती है। उन्होंने सभी धर्मप्रेमियों से अपील की कि जहां कहीं भी निजी भूमि पर संचालित जैन मंदिर हैं, उन्हें तुरंत ट्रस्ट में रजिस्टर्ड कराएं ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हो।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कुछ समय पहले मुंबई के अंधेरी स्थित जे.बी. नगर के जैन मंदिर को एक व्यक्ति ने ताला जड़ दिया था, जिससे तीन दिन तक मंदिर बंद रहा, और ना पूजा हो सकी, ना दर्शन। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति जैन इतिहास में पहली बार देखी गई थी।
रात्रि 3 बजे मंदिर को खुलवाने के लिए जैन मुनि निलेशचन्द्र, हार्दिक हुंडिया, विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अथक प्रयास किया था।
शनिवार को इस घटना के विरोध में मुंबई में विशाल रैली भी निकाली गई, जिसमें हजारों की संख्या में जैन समाजजन शामिल हुए।
इस पूरे प्रकरण पर जैन मुनि निलेशचन्द्र ने तीव्र नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा –
“जब अन्य समुदाय अपने धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए हिंसा का सहारा ले सकते हैं, तो शांतिप्रिय जैन समाज भी यदि मजबूर हुआ, तो शस्त्र उठाने से पीछे नहीं हटेगा। मरने-मारने से भी हम डरेंगे नहीं।”
जैन समाज की ओर से यह स्पष्ट संकेत है कि अब धर्म और आस्था पर किसी भी प्रकार का आघात सहन नहीं किया जाएगा।
महावीर संदेश – प्रदीप जैन
[ad_2]
Source link