भिंड, 24 अप्रैल 2025 | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी
जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ भगवान के मोक्षस्थल गिरनार के लिए दिल्ली से आरंभ हुई श्री नेमि गिरनार धर्म पद यात्रा के भिंड नगर आगमन पर सकल जैन समाज द्वारा भव्य स्वागत एवं ऐतिहासिक आगवानी का आयोजन किया गया।
यात्रा के नगर में प्रवेश करते ही श्रद्धालुजन हाथों में 108 फीट लंबा राष्ट्रीय ध्वज एवं 1008 फीट लंबा पचरंगा जैन ध्वज लेकर, जय गिरिनार के जयघोष के साथ आगे बढ़ते नज़र आए। साथ ही जैन तीर्थों के संरक्षण संबंधी स्लोगनों की तख्तियां भी यात्रा की शोभा बढ़ा रही थीं। यह यात्रा अहिंसा, सद्भावना एवं राष्ट्रीय एकता का संदेश जन-जन तक पहुँचा रही है।
पद यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई ऋषभ सत्संग भवन पहुँची, जहाँ यह एक धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। इस अवसर पर विश्व जैन संगठन, भिंड के समस्त पदाधिकारियों एवं जैन समाज द्वारा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संजय जैन व उनकी टीम का पगड़ी पहनाकर, दुपट्टा ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर भव्य सम्मान किया गया।
इस भव्य आयोजन में नेमिनाथ भगवान के जिनबिंब को रथ में विराजित कर मंगल आरती एवं भक्ति आराधना की गई। उपस्थित श्रद्धालुओं ने भावपूर्ण विचार भी व्यक्त किए।
विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संजय जैन ने कहा,
“यह पद यात्रा दिल्ली से शुरू होकर गिरनार की ओर अग्रसर है। संगठन का विशेष सहयोग हमें प्राप्त हो रहा है और लगभग 1500 किलोमीटर की यात्रा पूर्ण कर 2 जुलाई को नेमिनाथ भगवान के निर्वाण महोत्सव पर ‘निर्वाण लाडू’ चढ़ाया जाएगा।”
भिंड जैन समाज के श्री रविसेन जैन ने कहा,
“हमारे जैन तीर्थों पर यदि किसी भी प्रकार की आंच आई, तो हम ईंट से ईंट बजा देंगे। हम सबकी आस्था गिरनार जी से जुड़ी है।”
गोलालरे जैन समाज अध्यक्ष धर्मेंद्र जैन ने समस्त समाज का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि,
“भिंड की यह दिव्य यात्रा की गूंज गिरनार तक अवश्य पहुँचेगी।”
सचिव राजीव जैन (मुरार) ने सभी को एकता का परिचय देते हुए यात्रा के मूल उद्देश्य को सफल बनाने का आह्वान किया।
भिंड जैन समाज की मीडिया प्रभारी सोनल जैन ने जानकारी दी कि यह धर्म पद यात्रा समाज को जागृत करने के साथ-साथ युवा पीढ़ी को गिरनार क्षेत्र से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनेगी।
सोशल ग्रुप अध्यक्ष स्नेहलता जैन ने कहा,
“22वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ भगवान ने गिरनार पर्वत से मोक्ष प्राप्त किया, अतः हम सभी को मोक्षकल्याणक पर्व पर वहाँ अवश्य जाना चाहिए।”
इस भव्य यात्रा में भारी संख्या में जैन समाज की महिलाएं, पुरुष व बच्चे उपस्थित रहे और समर्पण भाव से इस आयोजन को सफल बनाया।
संवाददाता : महावीर संदेश – सोनल जैन