शिक्षण शिविरों के माध्यम से बच्चों को दिए जाएंगे धार्मिक संस्कार

मुरैना में 25 मई से 01 जून तक होगा शिविर का आयोजन

मुरैना/इंदौर, 24 अप्रैल 2025 | एन.एम.टी. न्यूज़ एजेंसी |
गर्मियों की छुट्टियों के अवसर पर बच्चों, युवाओं एवं बुजुर्गों को धार्मिक और सांस्कृतिक संस्कारों से ओत-प्रोत करने के उद्देश्य से मुरैना सहित ग्वालियर-चंबल संभाग में श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। यह शिविर 25 मई से 01 जून 2025 तक मुरैना नगर में आयोजित होंगे।

शिविरों की स्थानीय व्यवस्था के प्रभारी प्राचार्य वीरेंद्र जैन ‘बाबा’ ने जानकारी दी कि इन शिविरों के माध्यम से प्रतिभागियों को धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों एवं जीवन मूल्यों की शिक्षा दी जाएगी। साथ ही, सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्वों के प्रति सजगता भी विकसित की जाएगी।

शिविरों के क्षेत्रीय प्रभारी विद्वत् नवनीत जैन ‘शास्त्री’ ने बताया कि यह आयोजन श्री दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर द्वारा विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। इस बार यह शिविर आचार्य विद्यासागर महाराज के प्रेरणादायक जीवन से प्रेरित विद्यागुरु उपकार महोत्सव के रूप में आयोजित किए जा रहे हैं।

इन शिविरों के आयोजन में आचार्य समय सागर महाराज का आशीर्वाद एवं मुनिपुंगव सुधा सागर महाराज की प्रेरणा प्राप्त है। इस क्रम में ग्वालियर-चंबल संभाग के 70-80 स्थानों पर इन शिविरों का आयोजन सुनिश्चित किया गया है।

मुरैना नगर में शिविर का आयोजन बड़ा जैन मंदिर परिसर एवं जैन संस्कृत विद्यालय में किया जाएगा। आयोजन संबंधी बैठक में प्राचार्य अनिल जैन (श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर कमेटी अध्यक्ष), मंत्री विनोद कुमार जैन तार, मुख्य संयोजक राजकुमार जैन वरैया, संयोजक अजय कुमार जैन (गोसपुर), अनिल जैन (नायकगढ़ी), अरविन्द जैन ‘बिल्लू’ (पान वाले), मुकेश जैन, जयचंद्र जैन (नंदपुरा), सतेन्द्र जैन (गोपालपुरा), एवं अन्य समाजबंधुओं ने शिविरों की व्यवस्था, संचालन एवं नियमावली पर विचार-विमर्श कर रूपरेखा तैयार की।

शिविरों का आयोजन निम्न तिथियों पर किया जाएगा:

  • भिण्ड जिला: 11 मई से 18 मई
  • ग्वालियर संभाग: 18 मई से 25 मई
  • मुरैना संभाग: 25 मई से 01 जून 2025

इन शिक्षण शिविरों में भाग लेने वाले बच्चों एवं युवाओं को न केवल धार्मिक शिक्षा प्राप्त होगी, बल्कि वे भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों से जुड़ाव भी महसूस करेंगे। यह पहल समाज में संस्कारों की नींव को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


संवाददाता – मनोज जैन ‘नायक’

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