जीवदया श्रावक का नैतिक कर्तव्य: जेएसजी सेंट्रल द्वारा “जीव आहार योजना” का शुभारंभ

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जावरा, 30 अप्रैल 2025 | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी
जैन धर्म में जीवदया को सर्वोच्च धर्म माना गया है और इसे प्रत्येक श्रावक का नैतिक कर्तव्य बताया गया है। इसी भावना को मूर्त रूप देते हुए जेएसजी सेंट्रल द्वारा “जीव आहार योजना” का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर कनकमल कांठेड़ ने कहा कि जैन धर्म में जीवदया का विशेष महत्व है और प्रत्येक व्यक्ति को मूक पशु-पक्षियों की सेवा हेतु सदैव तत्पर रहना चाहिए।

योजना की जानकारी देते हुए अध्यक्ष संजय सुराणा ने बताया कि जीव आहार योजना प्रतिमाह संचालित की जाएगी, जिसके अंतर्गत पशु-पक्षियों की सेवा संबंधी विभिन्न कार्य किए जाएंगे। अप्रैल माह के लाभार्थी सुरेंद्र एवं अनीता कोलन की विवाह वर्षगांठ के उपलक्ष्य में गौमाताओं को आहार करवाया गया।

कार्यक्रम के दौरान लाभार्थी परिवार एवं अतिथियों का बहुमान संजय झामर, विकास जैन एवं नीलेश टुकड़िया द्वारा किया गया। कनकमल कांठेड़ ने आगामी तीन माह की जीवदया योजना का लाभ लिया, वहीं संजय सुराणा एवं आदर्श दख ने संपूर्ण वर्ष हेतु दो स्थानों पर कबूतरों के लिए मक्का दान की जिम्मेदारी ली।

इस अवसर पर नरेंद्र कोलन, अशोक लुक्कड़, नरेश मारवाड़ी, सुनील चपड़ोद, विनोद ओस्तवाल, सौरभ मेहता, महावीर डांगी सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन जीव आहार संयोजक रोहित चोरडिया ने किया।
समाचार की जानकारी मीडिया प्रभारी राजेश हिंगड़ द्वारा प्रदान की गई।

 


महावीर संदेश – राजकुमार हरण



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