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अजीत काठेड परिवार बना कार्यक्रम का लाभार्थी
नागदा, 1 मई 2025 | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी
नवकार सोशल ग्रुप के तत्वावधान में सोमवार रात्रि 8:15 बजे महावीर भवन, जवाहर मार्ग पर वर्षीतप आराधकों के बहुमान एवं चौबीसी कार्यक्रम का आयोजन अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ।
श्री नवकार महामंत्र से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ मोनिका संघवी, रीना कोठारी एवं हर्षिता राठौर द्वारा श्री नवकार महामंत्र के सामूहिक उच्चारण से किया गया। सोनम कोलन द्वारा प्रस्तुत अनुमोदना गीत ने समस्त वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
संदेश और उत्साह के साथ कार्यक्रम में हुई सहभागिता
ग्रुप अध्यक्ष प्रथम काठेड, समाजसेवी प्रकाशचंद्र जैन (सांवेर वाले) एवं सदस्य शरद जैन ने अपने प्रेरणादायी विचारों के माध्यम से तप और धर्म की महिमा का वर्णन किया। अन्तिमा संघवी द्वारा प्रस्तुत अनुमोदना गीत ने कार्यक्रम में और अधिक प्रभाव उत्पन्न किया।
तपस्वियों का भावभीना सम्मान
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में वर्षीतप आराधक संगीता सकलेचा, संगीता दलाल, मुन्नीबेन छोरिया, प्रतिभा बुरड, बिंदु काठेड एवं मोहनबाई कोठारी का बहुमान किया गया। इनका सम्मान समाजसेवी अजीत कुमार, सिद्धार्थ एवं सुनीता काठेड परिवार के करकमलों द्वारा शाल, श्रीफल एवं राजस्थानी पगड़ी पहनाकर किया गया।
जेएसजी अध्यक्ष धर्मेंद्र बम ने भी एक सुंदर अनुमोदना गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। लाभार्थी काठेड परिवार का ग्रुप द्वारा बहुमान कर उनकी सेवाभावना की अनुमोदना की गई।
सेवा कार्यों की सराहना
कार्यक्रम में काठेड परिवार ने शरद जैन, अमित बम, राजा कर्नावट, मनीष चपलोत, कुशल भंसाली सहित सभी सेवाभावी सदस्यों का स्वागत कर कृतज्ञता प्रकट की। उपस्थित प्रमुख सदस्यों में श्रेणीक बम, नितिन बुड़ावनवाला, प्रकाश चपलोत, संतोष नाहटा, रवि संधवी, कमल जैन आदि उपस्थित रहे।
चोवीसी और मांगलिक से हुई पूर्णता
कार्यक्रम के अंतर्गत 200 से अधिक मातृशक्ति ने चोवीसी अनुमोदना गीत प्रस्तुत कर तपस्वियों के तप की महिमा का गुणगान किया। समापन अवसर पर चंदमल संघवी द्वारा मंगलाचरण किया गया, जबकि अमित बम ने सुंदर शब्दों में आभार प्रदर्शन किया।
प्रभावना से हुआ समापन
कार्यक्रम के समापन उपरांत लाभार्थी काठेड परिवार द्वारा सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रभावना (धार्मिक प्रसाद) का आयोजन किया गया। संचालन राजेश सकलेचा एवं श्रेणीक बम द्वारा किया गया।
महावीर संदेश – जीवनलाल जैन
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