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राजगढ़, 1 मई 2025 | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी
पुण्यसम्राट गुरुदेवश्री जयन्तसेनसूरीश्वरजी महाराज के शिष्य एवं पू. गच्छाधिपति श्री नित्यसेनसूरीश्वरजी और आचार्य भगवंत श्री जयरत्नसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री जिनागमरत्नविजयजी म.सा. के संयम जीवन के 12 वर्षों के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर, जयंतग्राम पारानगर में गुरु पूजन और मंगल प्रवेश का आयोजन हुआ। इस अवसर पर पांच दिवसीय आगम वाचनाश्रेणी का आयोजन किया गया, जो अविस्मरणीय रहा।
वाचना के बाद, पूज्यश्री के साथ मुनिमंडल और समस्य श्रोतागण ने सामूहिक रूप से वाराही मंडन शांतिनाथ भगवान के समक्ष देववंदन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ 9:30 बजे हुआ, जिसमें पूज्यश्री ने देवद्रव्य के साथ सात क्षेत्र का महत्व समझाया और द्रव्य सप्ततीका जैसे शास्त्रों के माध्यम से संघ को मार्गदर्शन दिया।
प्रवचन के दौरान संघ अध्यक्ष माननीय प्रकाशजी तलेसरा ने पूज्यश्री के संयम दिवस का स्नेहपूर्ण अभिवादन किया और गुणकीर्तन प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त, नवयुवक परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाशजी छाजेड़ और झाबुआ निवासी मुकेशजी जैन (नाकोडा) ने भी पूज्यश्री के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त किया।
इस अवसर पर श्रीसंघ ने गुरुपूजन का आयोजन किया, जिसमें अनेक भावकों ने अपनी श्रद्धा व्यक्त की और खाचरोद निवासी संघवी सर्राफ वरदाजी खूबचंदजी डूंगरवाल परिवार ने गुरुपूजन का लाभ लिया। इसके अलावा, प्रिंयाशी कटारिया (भांजी, जावरा) ने स्वर्ण-रजत से भावविभोर होकर गुरुपूजन किया।
पूज्यश्री के संयम वर्ष के नूतन प्रवेश पर कई गाँवों और नगरों से भक्तों का आगमन हुआ, जिसमें विशेष रूप से अहमदाबाद, सूरत, डीसा, रिंगनोद, राजगढ़, झाबुआ, जावरा, मेघनगर, जोबट, राणापुर, खाचरोद और अन्य नगरों से श्रद्धालु पधारे और दर्शनार्थ वंदनार्थ कार्यक्रम में भाग लिया।
महावीर संदेश | रिपोर्ट: धर्मेंद्र भंडारी
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