दिल्ली, 03 मई 2025 | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी
यमुना विहार, दिल्ली — शुद्धोपयोगी संत सूरिगच्छाचार्य श्री 108 विरागसागर जी महामुनिराज का 63वां जन्मजयंती दिवस भारतवर्ष में 2 मई 2025 को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। राजधानी दिल्ली के यमुनाविहार में विराजमान भावलिंगी संत श्रमनामचार्य श्री 108 विमर्शसागर जी महामुनिराज ससंघ (37 पीछी) के सानिध्य में आचार्य श्री विरागसागर जी महामुनिराज का 63वां जन्मजयन्ती महोत्सव बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ।
इस विशेष अवसर पर, 02 मई की प्रातः बेला में जिनाभिषेक और पूजन के बाद 36 मण्डलीय “आचार्य विरागसागर विधान” महापूजा का अनुष्ठान किया गया। इस अनुष्ठान की विशेषता यह रही कि “आचार्य विरागसागर विधान” स्वयं आचार्य श्री विमर्शसागर जी मुनिराज द्वारा लिखा गया था और आयोजन में यह पूजा आचार्य श्री के ही मुखारविंद से संपन्न की गई।
आचार्य श्री ने गुरुदेव की जन्मजयंती पर विनयांजलि समर्पित करते हुए कहा कि, “महापुरुषों का जन्म धरा पर अपने कल्याण के साथ-साथ प्राणी मात्र के कल्याण के लिए हुआ करता है। परमपूज्य आचार्य श्री विरागसागर जी गुरुदेव ने 2 मई 1963 को पथरिया ग्राम में जन्म लिया, और संस्कारों के साथ बड़े होते हुए मोक्षमार्ग पर अपने कदम बढ़ाए। उन्होंने आत्मकल्याण के साथ-साथ सैकड़ों-हजारों भव्यात्माओं को भी कल्याण के मार्ग पर आगे बढ़ाया। गुरुवर ने जन्म लेकर स्वयं को निर्वाण के अत्यंत समीप कर लिया है और अतिशीघ्र निर्वाण को प्राप्त करेंगे।”
महावीर संदेश – सोनल जैन